नई दिल्ली : उच्च न्यायालयों में जजों की भारी कमी है। अब इस बात को केंद्र सरकर ने भी माना है। केंद्र सरकार की तरफ से गुरुवार को कानून मंत्री ने हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति को लेकर राज्यसभा में आंकड़े दिए। कानून मंत्रालय ने संसद में दिए अपने लिखित जवाब में माना है कि उच्च न्यायालयों में जजों की भारी कमी है। कानून मंत्रालय के मुताबिक पिछले एक साल में 80 जजों की नियुक्ति की सिफारिश की गई, लेकिन अब तक सिर्फ 45 नियुक्ति हो पाई। इसके साथ ही कानून मंत्रालय ने ये भी कहा कि देश के कई उच्च न्यायालयों में 50 फीसदी जजों के पद रिक्त हैं। बता दें, केंद्र सरकार की तरफ से आज कानून मंत्री ने हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति को लेकर राज्यसभा में आंकड़े पेश किए।

दिल्ली उच्च न्यायालय

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उच्च न्यायालयों में जजों की रिक्त पदों को लेकर सरकार का कहना है कि जजों की नियुक्ति एक जटिल प्रक्रिया है और उसमें केंद्र और राज्य सरकार के बीच कई तरह की चर्चा होती है। इसलिए ये कहना मुश्किल है कि कब तक नियुक्ति पूरी हो पाएगी। बहरहाल,केंद्र सरकार ने जो आंकड़े पेश किया है उससे पता चलता है की हाईकोर्ट में जजों की भारी कमी है। एक आंकड़ा के मुताबिक बात की जाए तो पूरे देश में 1098 हाईकोर्ट जज की जरूरत है जबकि फिलहाल 645 जज कार्यरत हैं।

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Rupesh Ranjan is an Indian journalist. These days he is working as a Independent journalist. He has worked as a sub-editor in News Nation. Apart from this, he has experience of working in many national news channels.

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