हिन्दू धर्म में आस्था रखने वालो के लिए देवभूमि उत्तराखंड में मौजूद चार धाम एक अलग ही महत्व रखते हैं। यही वजह है कि, जैसे ही चार धाम यात्रा शुरू होती है, वैसे ही श्रद्धालुओ की भीड़ उमड़ पड़ती है। इस बार भी यमनोत्री धाम के कपाट खुलने के बाद गंगोत्री धाम के कपाट आज सुबह के पावन मूहूर्त में खोल दिए गए हैं। आपको बता दें, आज सुबह 7:30 पर विशेष मंत्र उच्चारणों के साथ गंगोत्री के पंडा पुरोहितों ने गंगोत्री मंदिर के कपाट खोल दिए। गंगोत्री धाम के कपाट खुलते ही मां गंगा का परिसर जयकारों से गूंज उठा और परिसर में मौजूद सभी लोग खुशी से झूम उठे। लेकिन इस साल आर्मी के बैंड की धुन गंगोत्री धाम में नहीं सुनाई दी। इस साल कोरोना की वजह से चार धाम में वो उत्साह नहीं देखने को मिल रहा जैसे पहले हुआ करता था। इस बार कोरोना की सभी गाइडलाइंस को ध्यान में रखते हुए मां गंगोत्री के कपाट खोले गए हैं।

इसके साथ ही गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने कहा कि साल 2020 की तरह इस साल भी गंगोत्री धाम के कपाट बड़े सादगी से खोले गए। उन्होंने कहा कि, आगे भी को रोना की गाइडलाइंस जारी रहेंगी और उसी के हिसाब से पूजा की जायेगी।

गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के बाद सबसे पहली पूजा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा भेंट सभेजी गई 1101-1101 रुपये की धनराशि के साथ हुई। आपको बता दें, शुक्रवार को शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव से मां गंगा की भोग मूर्ति को डोली यात्रा गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई थी। जिसके बाद डोली यात्रा भैरोंघाटी स्थित प्राचीन भैरव मंदिर में रात्रि विश्राम के बाद आजतड़के गंगोत्री पहुंची और उसके बाद सुबह साढ़े सात बजे मां गंगोत्री के द्वार खोल दिए गए।

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आरोही डीएनपी इंडिया में मनी, देश, राजनीति , सहित कई कैटेगिरी पर लिखती हैं। लेकिन कुछ समय से आरोही अपनी विशेष रूचि के चलते ओटो और टेक जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही हैं, इन्होंने अपनी पत्रकारिका की पढ़ाई पीटीयू यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है और लंबे समय से अलग-अलग विषयों की महत्वपूर्ण खबरें लोगों तक पहुंचा रही हैं।

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