भारत में कोरोना मामलों की संख्या में पिछले कुछ दिनों से लगातार कमी बनी हुई है लेकिन देश के कुछ शहर ऐसे हैं जहां पिछले सप्ताह केसों की संख्या का ग्राफ ऊपर आ गया है। राजधानी दिल्ली के स्कूलों में बच्चों में कोरोना पॉजिटिव आने की घटना सामने आ रही है, जिसके बाद से चिंता बढ़ गई है।

देश के शीर्ष बायोमेडिकल वैज्ञानिक डॉ गगनदीप कांग ने कहा है कि यह अभी पता नहीं चला है कि XE वैरिएंट तो केसों में आए इस उछाल का कारण तो नहीं है। एक निजी चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि हम पक्के तौर पर यह नहीं जानते कि रिपोर्ट के लिए जा रहे सभी के XE कोरोना के कारण हैं। जब तक हम उन सभी की सीक्वेंसिंग ना कर लें।

उन्होंने कहा कि जब हमारे पास तस्वीर के सभी टुकड़े हो तभी हम इस बारे में व्याख्या कर सकते हैं। अकेले लोगों का डाटा अपने आप में पर्याप्त नहीं है। XE वेरिएंट के बारे में उन्‍होंने कहा, “XE वेरिएंट Omicron का व्‍युत्‍पन्‍न है। ओमिक्रॉन के बारे में हम जो जानते हैं, उनके अनुसार, यह ऐसा वायरस है जो निचले श्‍वसन तंत्र की तुलना में ऊपरी श्‍वसन तंत्र पर असर दिखाता है, ऐसे में जो लक्षण नजर आते हैं वे ऊपर श्‍वसन तंत्र में संक्रमण, बुखार और बेचैनी के होंगे। हालांकि इस तरह की गंभीर बीमारी नहीं होगी कि आपको अस्पताल जाना पड़े।

डॉक्टर कांग ने कहा कि मुझे लगता है कि लक्षणों पर ध्यान देने और इसके आधार पर हमसे यह बताने की उम्मीद करना कि यह कौन सा वैरीअंट है उचित नहीं होगा। आपको वास्तव में क्लीनिकल डेमोग्राफिक इंफॉर्मेशन के साथ ही सीक्वेंस डाटा की जरूरत है, जो बता सके कि यह कौन सा वेरिएंट है। मनी अभी कहा कि केसों की संख्या में जो उछाल आ रहा है जरूरी नहीं कि वो चौथी लहर की ही आहट है। हां लेकिन लोगों को पुनः संक्रमण के लिए तैयार रहना चाहिए भले ही आप संक्रमित हो चुके हो या पहले वैक्सीनेशन करा चुके हो।

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