भगवान राम पर कांग्रेस की बात शुरू होती है महात्मा गांधी से, उनका और भगवान राम का गहरा नाता था। उन्होंने अक्सर कहा कि मुझे ताकत भगवान राम के नाम से मिलती है। यह मुझे संकट के क्षणों से उबारती है। नई ऊर्जा देती है। न केवल एक सच्चे रामभक्त की तरह महात्मा गांधी ने पूरे जीवन में राम नाम का जाप किया, बल्कि अपने जीवन में भी सरलता, सादगी और आत्म-समर्पण को अपनाया। भगवान श्रीराम का प्रभाव पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर भी था। उन्हें देश पर रामायण का असर पता था। उनके ही कहने पर 1985 में दूरदर्शन ने रामानंद सागर के रामायण का प्रसारण किया। 1986 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री बीर बहादुर सिंह को मनाया और राम जन्मभूमि मंदिर के ताले खुलवाए। उसी समय हिंदुओं को भगवान श्रीराम के दर्शन का मौका मिला। 1989 में राजीव गांधी चुनावी भाषणों में रामराज्य लाने का वादा करते हुए शुरुआत करते। नवंबर 1989 में उन्होंने विश्व हिंदू परिषद को राम मंदिर के शिलान्यास की अनुमति दी।

प्रभु राम पर आज की कांग्रेस

2009 में यूपीए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामे में भगवान श्रीराम के अस्तित्व पर ही सवाल उठा दिए। लाखों हिंदुओं की भावनाओं को इससे धक्का लगा। कांग्रेस को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। इसके बाद तो जैसे कांग्रेस नेताओं ने राम मंदिर के मसले पर बोलना ही बंद कर दिया। जो भी राम का नाम लेता, उसे कांग्रेस नेता संघी, सांप्रदायिक, हिंदुत्व एजेंट कहने लगे। अब भूमि पूजन से करीब 15 घंटे पहले कांग्रेस की भूमिका बेहद भ्रमित नजर आ रही है। दो ध्रुव बन गए हैं। राहुल गांधी, सोनिया गांधी, दिग्विजय सिंह, सलमान खुर्शीद समेत कई नेता भूमिपूजन के आयोजन पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं, प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को ट्वीट किया है। 21 लाइनों में 270 शब्द लिखे हैं प्रियंका ने और इसमें 23 बार राम नाम लिया है। प्रियंका ने इस ट्वीट में अपने नाम पर दस्तखत भी हिंदी में किए हैं।प्रियंका ने ट्वीट में लिखा राम सब में हैं, राम सबके हैं। राम कबीर के हैं, तुलसी दास के हैं और रैदास के हैं। गांधी के रघुपति राघव राजा राम सबको सन्मति देने वाले हैं। प्रियंका के इस ट्वीट में सबकुछ राम में ही रंगा है।

भगवा चोले में कमलनाथ

प्रियंका ही नहीं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने ट्विटर पर प्रोफाइल फोटो बदल दी है। त्रिपुंड तिलक लगा रखा है और भगवा पटका ओढ़े हैं। एक और फोटो भगवामय है। कमलनाथ ने सुंदर कांड का पाठ किया और कहा- हम राम मंदिर निर्माण का स्वागत करते है। राजीव जी ने 1985 में इसकी शुरुआत की। 1989 में शिलान्यास किया। राजीव जी के कारण ही राम मंदिर का सपना आज साकार हो रहा है।

https://twitter.com/OfficeOfKNath/status/1290575386376417282?s=19

कमलनाथ ने ऐलान किया है कि वो 11 चांदी की ईंटें अयोध्या भेजेंगे। उन्होंने कहा कि कल वो ऐतिहासिक दिन है, जिसका पूरा देश इंतजार कर रहा था।

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