कोरोना की दूसरी लहर धीरे-धीरे खत्म हो रही है। लेकिन दूसरी लहर ने जो कहर बरपाया उसे कौन भूल सकता है। इसी बीच बीएचयू के वैज्ञानिकों का शोध सामने आया है। इस शोध के नतीजे चौंकाने वाले हैं। बनारस में कोरोना की दूसरी लहर में तबाही मचा चुका डेल्टा वैरिएंट अब तक की सबसे घातक कड़ी है। कोरोना से दोबारा संक्रमित हो चुके लोगों में डेल्टा वैरिएंट ही पाया जा रहा है, वहीं बड़ी संख्या में हुई मौतों के लिए भी यही वैरिएंट जिम्मेदार है। जबकि जो लोग वैक्सीन लगवा चुके थे वे भी यदि कोरोना के शिकार हुए तो उनमें भी डेल्टा वैरिएंट ही था। जानकार ऐसा भी कह रहे हैं कि डेल्टा वैरिएंट के हिसाब से हमें अपनी वैक्सीन को कुछ हद तक अपडेट करना पड़ सकता है। इसके साथ ही शोध में दक्षिण अफ्रीका का भी म्यूटेंट मिला है। अब वैज्ञानिक तीसरी संभावित लहर और उसके प्रभाव को लेकर शोध में जुट गए हैं।

गहन अध्ययन में निकला आतंकी स्वरूप

जब कोरोना की दूसरी लहर ने ताण्डव मचाना शुरू किया, तब बीएचयू के वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ गई और तीस लोगों की टीम तैयार हुई। बाकायदा नमूनों पर गहन अध्ययन शुरू हुआ। वाराणसी सहित मिर्जापुर और अन्य जिलों के नमूनों को लिया गया। अध्ययन में 130 नमूनों का सीक्वेंस किया गया। बीएचयू और सीएसआईआर सेल्युलर,सीसीएमबी हैदराबाद ने वाराणसी और आस पास के क्षेत्रों के कोरोना वायरस वैरिएंट के जीनोम को सीक्वेंस किया गया इसके बाद आये नतीजों में डेल्टा वैरिएंट सबसे ज्यादा मिलने की बात सामने आई है। अब कोरोना के आतंकी स्वरूप को लेकर शोध जारी है और बीएचयू के वैज्ञानिकों की माने तो जल्द ही इस पर भी कामयाबी हासिल होगी।

डेल्टा वैरिएंट का असर

जानकारी के मुताबिक जिन लोगों ने वैक्सीन की एक डोज ले ली है उनमें इस डेल्टा वैरिएंट से मौतों की दर केवल एक फीसद ही दर्ज की गई है। वहीं जिन्होंने वैक्सीन की दोनो डोज ले रखी थी उनमें मौतों की दर नगण्य रही। इसके अलावा जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं ली थी, उनके मरने वालों की संख्या काफी अधिक थी। इस वैरिएंट से बचाव के लिए देश भर के वैज्ञानिक प्रयास में जुटे हुए हैं। वायरस के लक्षण ब्रिटिश वैरिएंट से ही मिलते-जुलते हैं। इस वायरस से भी ग्रसित होने वाले लोगों को ब्रिटिश वैरिएंट के जैसे सबसे पहले लूज मोशन और उसके बाद अन्य लक्षण आते थे। मालूम हो कि शुक्रवार को आई बीएचयू और सीसीएमबी की रिपोर्ट में बनारस में कुल सात वैरिएंट पाए गए हैं, जिनमें बी.1.617.1, दक्षिण अफ्रीक वैरिएंट (बी.1.351), डेल्टा (बी.1.617.2) और डबल म्यूटेंट वायरस (बी.1.617) मिले हैं।

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