भारत सरकार बनाम ट्विटर की लड़ाई लगातार जारी है।एक बार फिर आज का यह पूरा दिन सरकार बनाम टि्वटर की लड़ाई चलती रही। दरअसल ये लड़ाई तो काफी दिनों से चल रही है लेकिन इस लड़ाई में आज सुबह तूल तब पकड़ा लिया जब उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू सहित आर एस एस के कई बड़े नेताओं के ट्विटर को अनवेरीफाइड कर दिया गया , जब इस मामले पर सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार किया तो कुछ ही देर के बाद अकाउंट को दोबारा से वेरीफाइड कर दिया गया।

आपको बता दें कि अभी टि्वटर मोदी सरकार से भिड़ी है तो इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप से विवाद हुआ था इसके बाद टि्वटर के सीईओ जैक डोर्सी एक इंटरव्यू में स्वीकार किया था कि जो लोग सोशल मीडिया जगत के लिए काम करते हैं उनके अपने पूर्वाग्रह है और उनका सुझाव वामपंथी है। हालांकि उन्होंने इंटरव्यू में कहा था क्योंकि विचारधारा निजी और उससे उनकी कंपनी की पॉलिसी प्रभावित नहीं होती है।

इंटरव्यू में डार्सी से एक और सवाल पूछा गया था कि क्या राजनीति को लेकर उनकी कोई विचारधारा है? जिस से प्रभावित होकर ट्विटर फैसला लेता है इस सवाल के जवाब में कहा था कि नहीं राजनीतिक चश्मे से अपना फैसला नहीं देता है बल्कि कंटेंट के हिसाब से फैसले लिए जाते हैं। और आधार पर किसी भी ट्वीट पर करवाई होती है।

उन्होंने आगे कहा हमें यह लगातार बताने की जरूरत है की अपना पूर्वाग्रह किसी पर थोप नहीं रहे हैं। जिससे मैं पूरी तरह से वामपंथी झुकाव मानता हूं मुझे लगता है कि हमारे अपने पूर्वाग्रह को स्पष्ट करना और लोगों को इसके साथ साझा करना महत्वपूर्ण है ताकि लोग हमे समझे, लेकिन साथ ही हमें अपने काम करने के तरीके से पूर्वाग्रह को अलग रखने की जरूरत है।

आपको बता जैक डोर्सी नया इंटरव्यू उस वक्त दिया था जब तक कंपनियों पर सार्वजनिक विचारों को प्रभावित करने का विवाद चल रहा था।

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