बिहार पूरी तरह ड्राई स्टेट है. यहां पर शराब पीना, बेंचना या रखना तीनों जूर्म है, लेकिन इसके बावजूद बिहार में जहरीली शराब पीने से 44 लोगों की जान जा चुकी है. राज्य में पिछले 5 साल से शराब की बिक्री रुकी है. 2016 से लेकर अबतक हजारों लोग शराब पीने से अपनी जान गंवा चुके हैं. साल 2021 में तो रिकॉर्डतोड़ मौतें हुई.

महाराष्ट्र को बिहार ने पछाड़ा
शराब पीने को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 2020 की रिपोर्ट के अनुसार 15 साल से अधिक उम्र के 15.5% पुरुष अभी भी बिहार में शराब का सेवन बहुत ज्यादा करते हैं. शराबबंदी के बावजूद बिहार में लोग महाराष्ट्र से ज्यादा शराब पीते हैं. महाराष्ट्र में शराब पर रोक नहीं है.

30 लाख लीटर से अधिक शराब जब्त
बिहार में सरकार से लेकर पुलिस प्रशासन शराब को लेकर बेहद सख्त है. नीतीश सरकार ने सख्त निषेध और उत्पाद शुल्क अधिनियम लागू किया था और इस कानून का उल्लंघन करने वालों के लिए लिए 10 साल तक की सजा का प्रावधान रखा गया, 2 लाख से ज्यादा लोग शराबबंदी कानून की वजह से अबतक पकड़े जा चुके हैं, लेकिन फिर भी शराब की तस्करी रूक भी नही रही है. 52 पुलिस अधिकारियों को नए कानून के तहत पूछताछ का सामना तक कर चुके हैं.

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हालांकि बिहार के लिए राहत की बात है कि, NFHS-5 रिपोर्ट में सामने आया है कि, 15 वर्ष से अधिक उम्र के 15.5 फीसदी पुरुषों ने शराब का सेवन किया है. वहीं, 0.4% महिलाओं ने शराब पी है. समान आयु वर्ग के 48.8% पुरुष तंबाकू का सेवन करते हैं, जबकि केवल 5.0% महिलाएं ही इसका सेवन करती हैं. बिहार की बात करें तो 77% महिलाओं के पास अपना बैंक खाता है और उनमें से 51% से अधिक मोबाइल का यूज करती हैं।

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