प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के नेता देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ पिछले कुछ वर्षों में अनेक याचिका दाखिल करने वाले नागपुर के अधिवक्ता के आवास पर छापे मारे हैं। सतीश उके ने आरोप लगाए कि भाजपा नेता ने 2014 में झूठा हलफनामा दायर किया था। इसके अलावा 1996 और 1998 में धोखाधड़ी और जालसाजी के 2 अपराधिक मामलों को भी छुपाया गया।

अदालत में दायर की गई याचिका

उके ने भाजपा नेता खासतौर पर फडणवीस के खिलाफ अदालत में कई याचिकाएं दायर की हैं। उन्होंने अपनी एक याचिका में फडणवीस के खिलाफ चुनावी हलफनामे में अपराधिक मामले का खुलासा नहीं करने के लिए, अपराधिक कार्यवाही की मांग की थी। ‌ प्रवर्तन निदेशालय ने अधिवक्ता सतीश उके के आवास स्थान पर सुबह करीब 6:00 बजे छापेमारी की।

इनकम टैक्स की टीम ने पर्वतीय नगर इलाके में स्थित सतीश के आवास पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की कड़ी सुरक्षा के बीच छापा मारा। अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी की मुंबई इकाई ने भूमि खरीद-फरोख्त मामले में छापे मारे हैं। ‌ईडी की टीम ने सतीश को हिरासत में लिया और पूछताछ के लिए ले गए। ईडी की एक टीम सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस के साथ सुबह 5:30 बजे उनके आवास स्थान पर पहुंची और अपना तलाशी अभियान शुरू किया। ‌

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दो चुनाव याचिका दायर

सतीश देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ अभियान चलाने और उनके खिलाफ कम से कम 2 चुनाव याचिका दायर करने के लिए प्रसिद्ध है। ‌ इससे पहले उन्होंने एक आरटीआई कार्यकर्ता मोहनीश जबलपुर का प्रतिनिधित्व किया था। जिन्होंने अगस्त सितंबर 2019 में ईडी के साथ दो शिकायत दर्ज की थी। जिसमें देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ निजी क्षेत्र की इकाई, एक्सिस बैंक के लिए काम करने वाली उनकी पत्नी अमृता के पक्ष में विभिन्न कथित कार्यों की जांच की मांग की गई थी।

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