गर्मी बढ़ने के साथ-साथ बिजली संकट की भी समस्या सामने दिखाई देती हैं। देश में बिजली की डिमांड रिकॉर्ड स्तर को पार कर गई। देश में बिजली की डिमांड का आलम यह है कि बिजली की मांग का एक नया रिकॉर्ड ही बन गया है और इसने पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पिछले साल 200.539 गीगा वाट की मांग दर्ज की गई थी। जबकि इस साल 2022 में 201.066 गिरावट दर्ज की गई है। यह आलम तब है जब अभी अप्रैल का महीना भी खत्म नहीं हुआ है।

85 थर्मल पावर प्लांट

देश में बिजली व्यवस्था ठप होती नजर आ रही हैं। सुबह से लेकर रात तक बिजली के झटके लगातार लगते रहते हैं। उपभोक्ता बिजली घर पर फोन करते हैं लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिल पाता। देश में प्रमुख थर्मल प्लांट की अगर बात करें तो कुल मिलाकर देश भर में 85 थर्मल पावर प्लांट में कोयला खत्म होने की कगार पर है। इनमें से राजस्थान के 7 में से 6, पश्चिम बंगाल के सभी 6, उत्तर प्रदेश के 4 में से 3, मध्य प्रदेश के 4 में से 3, के सभी टीम प्लांट में कोयले का स्टॉक क्रिटिकल कंडीशन में आ गया है।

रेल रेक की कमी

अब देशभर के 85 पावर प्लांट में कोयले का संकट खड़ा हो गया है। आने वाले समय में बिजली कटौती के रूप में देखने को मिल सकती है। पावर प्लांट की शिकायत है कि रेल रेक की कमी की वजह से कोयला मिलने में देरी हो रही है। हालांकि हालात अभी भी नाजुक नहीं हुए हैं लेकिन अप्रैल महीने में ही पड़ रही भीषण गर्मी ने बिजली की मांग बढ़ा दी है। और आने वाले समय में यह संकट और बड़ा हो सकता है।

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पहले 300 रेक दी जाती

इस मामले पर रेलवे प्रवक्ता गौरव बंसल का कहना है कि पहले 300 रेक दी जाती थी। फिर कोयला मंत्रालय के कहने पर 405 रेक दी गई। अगर कॉल रेक 5 दिन तक डिटेल ना हो तो 3 दिन तक ही रोकी जाए तो हम रेक और बढ़ा सकते हैं। देशभर में थर्मल पावर प्लांट में कोयले का स्टॉक एक बार फिर से चर्चा में है आरोप लग रहा है कि कोयले की प्राप्त ढुलाई ना होने से बिजली संकट खड़ा हुआ है।

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