नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों के विरोध में गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजधानी दिल्ली में निकाले गए ट्रैक्टर रैली के दौरान फैली हिंसा में दिल्ली पुलिस के तीन सौ से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। हिंसा के दौरान घायल हुए पुलिसकर्मी लाल किला, नांगलोई और राजधानी दिल्ली में दूसरी जगहों पर हुई हिंसा में घायल हुए हैं। मिली जानकारी के अनुसार आज दिल्ली पुलिस हिंसा को लेकर एक प्रेस वार्ता को भी संबोधित करने वाली है, जिसमें पूरी जानकारी साझा की जाएगी।

दिल्ली पुलिस कमिश्नर की अधिकारियों के साथ बैठक:
दिल्ली पुलिस के कमिश्नर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक कर रहे हैं, इस बैठक में दिल्ली में हुई हिंसा के संबंध में वो जानकारी लेंगे। वहीं शुरुआती जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस के एक SHO को चोट लगी है, जबकि वजीराबाद के SHO भी गंभीर रुप से घायल हुए हैं। DCP नार्थ के स्टाफ ऑफिसर को भी हिंसा के दौरान गंभीर चोटें आई है। किसानों के ट्रैक्टर मार्च के दौरान हुई हिंसा में उत्तरी दिल्ली में 41 पुलिसकर्मी चोटिल हुए हैं, पूर्वी दिल्ली में 34, पश्चिमी दिल्ली में 27, द्वारका में 27, बाहरी-उत्तरी जिले में 12, शाहदरा में 5, दक्षिण जिले में 4 और दिल्ली के बाहरी जिलों में75 पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई है।

अबतक 22 एफआईआर दर्ज:
दिल्ली में किसानों के मार्च के दौरान हुई हिंसा को लेकर राजधानी दिल्ली को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है. अकेले राजधानी में सीआरपीएफ की 15 कंपनियां तैनात की गई है, जबकी दिल्ली पुलिस भी एक्शन में है। मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस ने कुल 22 एफआईआर हिंसा के मामलें में दर्ज की है, इसमें लाल किले पर बवाल करने वालों के खिलाफ मामलें भी दर्ज किए जा रहे हैं।

लाल किले पर हुआ बवाल:
गणतंत्र दिवस के मौकेपर किसानों ने शांतिपूर्ण रुप से रैली निकालने की बात कही थी, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। किसानों का शांतिपूर्ण आंदोलन अचानक उग्र हो गया। प्रर्दशनकारी किसान अचानक दिल्ली में घुस गए और बवाल काटने लगे। इस दौरान किसानों का एक जत्था लाल किले तक पहुंच गया और वहां खालसा पंत का झंडा फहराया गया। इस दौरान पुलिसकर्मियों के साथ किसानों की जमकर झड़प हुई।

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