किसान आंदोलन लगातार बढ़ता ही जा रहा है, जिसकी वजह से मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। किसान आंदोलन को खत्म करने के लिये मोदी सरकार की तरफ से जो बातचीत का रास्ता निकाला गया था, वो पूरी तरह से बेनतीजा निकला है। इस दौरान आज सिंघु बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बड़ा फैलना लेते हुए किसी भी प्रकार की कमेटी बनाने से इंकार कर दिया है। इतना ही नहीं किसानों ने कहा है कि, जब तक सरकार तीनों कानून वापस नहीं ले लेती तब तक ये आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा और इससे भी बड़ा रूप धारण करेगा।

आपको बता दें, किसान आंदोलन से लगातार अन्य राज्यों के किसान भी जुड़ते जा रहे हैं। आज दिल्ली बॉर्डर पर किसान संगठनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बड़ा एलान कर दिया है। किसानों ने कहा है कि,  केंद्र से बातचीत के लिए किसानों की छोटी कमेटी नहीं बनेगी। इतना ही नहीं किसानों ने कहा है कि,सरकार लंबी चर्चा करके टरकाने की कोशिश कर रही है, जो कि, अच्छा नहीं है। इसके साथ ही किसानों ने कहा कि, सरकार को किसान कानून को रद्द करना ही पड़ेगा। वहीं, अब किसान आंदोलन को केजरीवाल सरकार का भी समर्थन मिल गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बड़ा बयान देते हुए कहै है कि, जो किसान दिल्ली की सरहद पर बैठे हैं उनके बेटे देश की सरहद पर बैठे हुए हैं। जब किसानों को आतंकवादी कहा जाता है तो उनके बेटों पर क्या गुजरती होगी? इसके साथ ही केजरीवाल सरकार ने कहा है कि, हमें किसानों के मुद्दे पर राजनीति नही करनी चाहिए। इस तरह इस मुद्दे को लेकर अब सियासी बयान आना भी शुरू हो गये हैं।

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आरोही डीएनपी इंडिया में मनी, देश, राजनीति , सहित कई कैटेगिरी पर लिखती हैं। लेकिन कुछ समय से आरोही अपनी विशेष रूचि के चलते ओटो और टेक जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही हैं, इन्होंने अपनी पत्रकारिका की पढ़ाई पीटीयू यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है और लंबे समय से अलग-अलग विषयों की महत्वपूर्ण खबरें लोगों तक पहुंचा रही हैं।

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