New Delhi: कृषि कानूनों को केंद्र सरकार द्वारा वापस लेने की मांग कर रहे किसानों के साथ सरकार की बैठक बेनतीजा रहने के बाद आक्रोश बढ़ता जा रहा है। किसान लगातार आक्रोशित हैं, तथा सरकार के खिलाफ सड़कों पर प्रर्दशन कर रहे हैं। किसानों ने साफ कर दिया है कि जब तक सरकार ये कानून वापस नहीं लेती तब तक आंदोलन चलता रहेगा। किसान संगठनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके एक बार फिर अपने इरादे साफ कर दिए हैं. किसानों ने एक बार फिर कहा कि सरकार द्वारा छोटी कमेटी बनाने की मांग नहीं मानी जाएगी।

किसानों ने क्या कहा:
किसानों की सरकार के साथ बातचीत के बाद नेताओं का कहना है कि, “केंद्र से बातचीत के लिए किसानों की छोटी कमेटी नहीं बनेगी. हम सात या दस पेज का मसौदा सरकार को भेजेंगे, सरकार नहीं मानेगी तो आंदोलन जारी रहेगा. किसानों ने मांग की कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर कृषि क़ानून को रद्द करे” वहीं किसान आंदोलन में सक्रिय किसान नेता गुरनाम सिंह चडूनी कहा, ”अगर केंद्र ने जल्दी हमारी बात ना मानी तो किसान सख़्त कदम उठा सकते हैं. बगावत जैसी स्थिति उत्पन ना हो इसलिए सरकार किसानों की मांग जलद पूरी करें.”

दिल्ली को चारो तरफ से बंद कर देंगे किसान:
किसान नेताओं ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ”केंद्र क़ानून निरस्त नहीं करता तो दिल्ली को चारों तरफ़ से बंद कर दिया जाएगा. मोदी की भाषा ही उनके अफ़सर और मंत्री बोल रहे हैं. क्या किसान अनपढ़ हैं ? क्या कृषि के फ़ायदा नुक़सान किसान नहीं जानता ? एक दिन का संसद का विशेष सत्र बुलाना पड़ेगा. वर्ना साल लगे या छः महीने लगे यह आंदोलन चलता रहेगा.”

किसानों के समर्थन में ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट:
किसानों के समर्थन में ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने भी हड़ताल की धमकी दी है. ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने कहा, ”किसान आंदोलन के चलते अगर कल शाम तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जाता या किसान अपना आंदोलन वापिस नहीं लेंगे तो आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के पूर्ण बंद के आवाहन का हमारी संस्थाएँ भी पूर्ण रूप से समर्थन करेंगी.”

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