बागपत: केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों ने जहाँ राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डेरा जमा दिया है तो वही दूसरी तरफ देशभर से किसानों का समर्थन भी इस आन्दोलन को मिल रहा है। राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश के बाद अब उत्तर प्रदेश के अलग- अलग जिलों से किसानों का जत्था आन्दोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली कुछ करने लगा है।

दिल्ली जाएंगे बागपत के किसान:
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। 30 दिसंबर को बागपत से बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-ट्राॅली लेकर किसान दिल्ली जाएंगे। ये एलान बागपत के कान्हड गांव में हुई पंचायत में लिया गया है। इस पंचायत में भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत भी पहुंचे थे। आसपास के कई गांवों के किसान इस पंचायत में पहुंचे थे।

बागपत में किसानों ने लिया बड़ा फैसला:
बागपत में किसानों की हुई महापंचायत में सभी ने निर्णय लिया कि किसान के मान सम्मान की लड़ाई दिल्ली में लड़ी जा रही है, इसलिए पीछे नहीं हटेंगे। 30 दिसंबर की सुबह कई गांवों से ट्रैक्टर-ट्राॅली लेकर किसान दिल्ली रवाना होंगे। नरेश टिकैत ने भी कहा कि सरकार को भी कदम पीछे हटाना चाहिए और बातचीत से ही रास्ता निकल सकता है।

दिल्ली किसानों का संघर्ष जारी:
पिछले एक महीने से भी ज्यादा वक़्त से किसानों का जत्था दिल्ली में डटा हुआ है। सरकार के साथ किसानों की पांच दौर की वार्ता विफल रही है। वहीं अगले 29 दिसम्बर को सरकार और किसानों के बीच बातचीत होने की संभावना जताई जा रही है।

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