NEW DELHI: 26 जुलाई को असम और मिजोरम के बीच हुए सीमा-विवाद को लेकर अभी भी खींचतान जारी है। मिजोरम के छात्र संगठन मिजो जिरलाई पावल ने सोमवार को सीमा पर भड़की हिंसा के सिलसिले में असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा समेत 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। ये एफआईआर मिजोरम के वैरेनगटे पुलिस थाने में दर्ज हुई है। जिसमें 200 अज्ञात असम पुलिस कर्मियों पर मामला दर्ज हुआ है वहीं असम मुख्यमंत्री पर आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के आरोप हैं।

वहीं असम के तीन बराक घाटी जिलों के विधायकों ने शुक्रवार को मिजोरम के कोलासिब जिले के एसपी के खिलाफ दोनों राज्यों के पुलिस बलों के बीच झड़प में कथित भूमिका के लिए अदालत जाने का फैसला किया। गौरतलब है कि हिंसा के बाद से ही दोनों राज्यों के बीच रिश्ते ठीक नहीं हो पा रहे हैं। दोनों ही राज्यों  आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति कर रहे हैं।

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26 जुलाई को क्या हुआ था
26 जुलाई सोमवार को देर रात असम-मिजोरम बॉर्डर पर दोनों राज्यों की पुलिस और लोगों के बीच जमकर बवाल हुआ था और इस बवाल में 5 असम पुलिसकर्मियों को अपनी जान गवानी पड़ी। वहीं अमित शाह ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बात की थी और मामले को जल्द शांत करने के आदेश दिये थे। खूनी संघर्ष को बढ़ता देख सीआरपीएफ के जवानों को तैनात कर दिया गया था। बता दें कि  60 घायल पुलिसकर्मियों में से 5 की मौत हो चुकी है। वहीं असम के एक पुलिस अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि अभी भी लोग जंगलों में छिपे हुए हैं। जहां से गोलियों की आवाज़ें आ रही हैं।जब दोनों पक्षों के लोग बातचीत कर रहे थे, तब कुछ उपद्रवियों ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी। जिसकी वजह से हिंसा ज्यादा बढ़ गई थी।

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