टोक्यो ओलंपिक में बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने जोरदार पंच के साथ सेमीफाइनल में जगह बना ली है, अब लवीना सिल्वर मेडल के लिए खेलेंगी। लेकिन क्या आप जानते है कि कोरोना वायरस ने अपना प्रकोप लवीना पर भी दिखाया था। जी हाँ, साल 2020 में लवीना कोरोना संक्रमित हो गईं थीं। 104 फॉरेनहाइट के तपते बुखार में उन्हें एनआईएस पटियाला से दिल्ली लाया गया। उसके बाद लवीना की मां की तबियत खराब हो गई। लवीना कभी राष्ट्रीय शिविर में और दूसरा तो कभी गुवाहाटी (Guwahati) में रहती थी । 

डॉक्टरों ने कहा मां की दोनों किडनी खराब हो गई हैं। ट्रांसप्लांट के अलावा कोई चारा नहीं है। इस पर लवलीना ने खुद किडनी दान देने वाला ढूंढा और अपने कैश अवार्ड की राशि लगाकर मां की कोलकाता में किडनी ट्रांसप्लांट कराई। लवलीना का भी मां से बेहद लगाव है। भारतीय समय के अनुसार सुबह साढ़े पांच बजे उन्होंने मां को फोन कर आर्शीवाद लिया।

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लवीना के पिता टिकेन ने वरिष्ठ न्यूज़ एजेंसी से भावुक होकर बात करते हुए कहा कि उन्हें कोई मलाल नहीं है कि उनके बेटा नहीं है। उनकी तीनों बेटियों ने बेटे से बढ़कर फर्ज निभाया है। लवलीना की दो बड़ी जुड़वां बहनें हैं। दोनों मुए थाई की चैंपियन रही हैं। उन्हीं को देखकर लोवलीना ने मुए थाई की, लेकिन 2012 में साई गुवहाटी के कोच पद्म बोरो की नजर उन पर पड़ी और उन्होंने उसे बॉक्सिंग शुरू करा दी। टिकेन को याद है कि मां की तबियत खराब होने पर लवलीना कितना परेशान थीं। उनकी किडनी बदलवाने में 25 लाख का खर्च आया जिसे लवलीना ने वल्र्ड चैंपियनशिप के पदक से जीते कैश अवार्ड से भरा। लवलीना भी कहती हैं कि वह आपरेशन वाले दिन कोलकाता नहीं जा पाई थीं, लेकिन अगले दिन मां से मिलने पहुंच गई थीं। 

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