चीन की चालबाजियों के बीच कल भारतीय वायुसेना को घातक राफेल की ताकत मिलने जा रही है। फ्रांस से आया अत्याधुनिक लड़ाकू विमान राफेल कल यानी 10 सितंबर को अंबाला एयरफोर्स स्टेशन में एक मेगा समारोह के जरिए भारतीय वायुसेना में विधिवत शामिल हो जाएंगे। रक्षामंत्री राजनाथ सिह इन राफेल  को  वायुससेना में  औपचारिक रूप से शामिल कराएंगे। अंबाला एयरफोर्स स्टेशन में राफेल को वायुसेना में शामिल करने से पहले पारंपरिक सर्व धर्म पूजा की जाएगी। इसके बाद राफेल लड़ाकू विमान, तेजस एयरक्राफ्ट और सारंग एयरोबेटिक टीम आसमान में उड़ान भरेगा और शानदार एयर डिस्पले प्रस्तुत करेगा। इसके बाद राफेल लड़ाकू विमानों को पारंपरिक वाटर कैनन सैल्यूट दिया जाएगा। इसी के साथ राफेल लड़ाकू विमान वायुसेना की गौरवशाली टीम का हिस्सा बन जाएगा।

कई हस्तियां बनेंगी गवाह

इस अहम मौके का गवाह बनने के लिए कई हस्तियां अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पहुंच रही हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में हरियाणा के अंबाला एयरबेस में एक कार्यक्रम के दौरान भारतीय वायु सेना में शामिल किया जायेगा। इस कार्यक्रम के लिए फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पैली को भी आमंत्रित किया जाएगा। राजनाथ सिंह और फ्लोरेंस पैली कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहेंगे। इनके अलावा सीडीएस विपिन रावत, एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार, रक्षा विभाग के सचिव डॉ जी सतीश रेड्डी और डीआरडीओ के चेयरमैन शामिल रहेंगे। इनके अलावा रक्षा मंत्रालय के दूसरे अधिकारी भी यहां मौजूद रहेंगे।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

भारत और फ्रांस के बीच 36 लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए 59,000 करोड़ रुपये के सरकारी समझौते के करीब चार साल बाद 29 जुलाई को पांच राफेल लड़ाकू विमानों का पहला जत्था भारत पहुंचा था। 10‍ सितंबर को होने वाले समारोह के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। बुधवार को ही अंबाला एयरफोर्स स्‍टेशन के आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए गए हैं। दूसरी तरफ सुरक्षा के मद्देनजर वायुसेना स्टेशन के अंदर चल रहे प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी गई है। पूरे एयरफोर्स स्‍टेशन के बाहर और पूरे क्षेत्र में पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है।

गेम चेंजर साबित होगा राफेल ?

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि, भारतीय वायुसेना को सर्वाधिक मारक क्षमता वाले 4.5 जनरेशन के फाइटर विमानों की ताकत मिल जाएगी। भारतीय एयरफोर्स के लिए राफेल विमान अब तक बने सबसे मारक विमानों में से एक होंगे, क्योंकि इनमें भारत की जरूरतों के मुताबिक 13 खास संवर्धन किए गए हैं। इन नए साजो-सामान में हेलमेट में लगे इजराइली डिस्प्ले, रडार वार्निंग रिसीवर, लो-बैंड जैमर, फ्लाइट डेटा की 10 घंटे की रिकार्डिंग, इंफ्रारेड सर्च एंड ट्रैकिंग सिस्टम सम्मिलित हैं। दूसरी तरफ IAF के एक अधिकारी ने कहा कि, भारतीय वायुसेना के ये राफेल जेट दिखाई देने वाले रेंज से बाहर भी मिसाइल से हवा से हवा में मार करने में सक्षम है। इसके साथ ही ये मीका मल्टी-मिशन एयर-टू-एयर मिसाइलों और स्कैल्प डीप-स्ट्राइक क्रूज मिसाइलों से लैस होंगे। ये वह हथियार हैं जिससे लड़ाकू पायलट पहाड़ों में भी दुश्मनों के हवाई और जमीनी ठिकानों पर हमला कर पाएंगे। इस प्रोजेक्ट से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि राफेल का खाली वजन 10 टन है और इसका अधिकतम टेक-ऑफ वजन लगभग 25 टन है।

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