प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए नोटबंदी के ऐलान को आज पांच साल पूरे हो गए है, 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में नोटबंदी की घोषणा की थी। इसके बाद 500 और 1000 के नोट चलन से बाहर हो गए थे और 500, 2000 और 200 के नए नोट चलन में आए थे।

नोटबंदी के पांच साल बाद भी देश के अंदर नोटों का चलन लगातार बढ़ा है, इसके साथ-साथ डिजिटल पेमेंट भी काफी आगे बढ़ा है और आम जनता को कैशलेस पेमेंट मोड़ काफी सुविधा जनक लग रहा है। नोटबंदी के ऐलान के बाद एक वक्त के लिए जैसे देश रुक गया था, लोगों को अनेकों परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। नए नोटों के लिए घंटो तक लाइन में खड़ा रहना पड़ता था लेकिन इस निर्णय से देश के अंदर काला धन खत्म हुआ और नगदी का एक नया चलन शुरू हुआ।

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करेंसी का सर्कुलेशन

आरबीआई के अनुसार नोटबंदी से पहले देश के अंदर चलन में रहने वाले कुल नोटों का मूल्य 17.74 लाख करोड़ रुपए का था और यह पिछले पांच सालों में बढ़कर 29.17 लाख करोड़ रुपयों का हो गया है। इस अनुसार पिछले पांच सालों में नोटों के सर्कुलेशन में 64 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। कोरोना काल के अंदर नोटों का सर्कुलेशन करीब 8.5 प्रतिशत तक बढ़ा है।

सूचना के अनुसार देश में सर्कुलेट होने वाली कुल बैंक नोट का वैल्यू 85.7 प्रतिशत 500 और 2000 की नोटों का है। लेकिन पिछले दो सालों में 2000 के नए नोट नहीं छापे गए है। पिछले वित्त वर्ष 2020-2021 में करेंसी नोटों के सर्कुलेशन में बारी बढ़ोतरी हुई है, इसके पीछे की वजह यह है कि कोरोना महामारी के समय लोगो ने अपने सचेत की हुई नगदी का उपयोग किया जिसके चलते करेंसी नोटों का सर्कुलेशन बढ़ा।

डिजिटल ट्रांजैक्शन

डिजिटल ट्रांजैक्शन में नोटबंदी के बाद से काफी बढ़ोतरी हुई है, नेट बैंकिंग, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस और क्रेडिट – डेबिट कार्ड जैसे तरीकों से डिजिटल पेमेंट का चलन बढ़ा है। आपको बता दे UPI भी देश के अंदर 2016 से शुरू हुआ था, अक्टूबर 2021 तक इसके जरिए 7.71 लाख करोड़ रुपए मूल्य का लेनदेन हुआ था।

नोटबंदी का प्रभाव

नोटबंदी के कारण जो 4 नवंबर 2016 तक भारत के अंदर करेंसी नोटों का सर्कुलेशन 17.97 लाख करोड़ था वह नोटबंदी के बाद 25 नवंबर 2016 तक महज 9.11 लाख करोड़ का रह गया था। आरबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार नोटबंदी के कारण 99 फीसदी करेंसी सिस्टम में वापस आ गई थी। पिछले कुछ वक्त में प्रॉपर्टी सेक्टर में भी कैश का लेन-देन काफी कम हुआ है।

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