देश के लगभग हर राज्य में बाढ़ और बारिश ने तबाही मचा रखी है। जहां तक नजरें जाती है पानी-ही-पानी नजर आता है। जमीन पर हर जगह पानी की मौजूदगी लोगों को परेशान कर रही है। आलम ये है कि लोगों को रहने लायक जगह तक मयस्सर नहीं है। पानी की तेज बहाव में जिंदगी के साथ-साथ खेत,खलिहान और घर भी बह चुके हैं। पानी की तेज धारा में लोगों की जिंदगी सिमटकर आधा हो गई है। लेकिन हमारे नेता भी खुशियों की तरह दूर-दूर तक नजर नहीं आते हैं।

गोपालगंज, बिहार

बिहार में तो बाढ़ का पानी जैसे सब कुछ बहाकर ले जाने पर आमादा है। घर, खेत यहां तक की पुल भी पानी की लहरों को सह नहीं पाया और टूट कर बहने लगा।लेकिन हैरानी वाली बात ये है कि पुल महीने भर पहले ही बनकर तैयार हुआ था। जिसका उद्घाटन खुद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था।

लेकिन पानी ने थोड़ी रफ्तार क्या बढ़ाई पुल तास के पत्तों की तरह बिखर गया। इसके साथ ही चंपारण, तिरहुत और सारण समेत कई जिलों का संपर्क टूट गया। 264 करोड़ की लागत से बनी ये पुल सरकार की काम-काज पर कई सवाल खड़ा करते है।

अररिया, बिहार

बिहार के अररिया में भी बाढ़ का कहर टूट रहा है। हर साल की तरह इस बार भी जोकीहाट, मदनपुर शिव मंदिर से लेकर लोगों के घर तक पानी ही पानी है। जोकीहाट क्षेत्र के मटियारी गांव में बकरा नदी के उफान पर रहने से चकाई और मटियारी बग्घारा होते हुए अररिया जाने वाली सड़क पर तेजी से कटान हो रहा है।

मुंबई, महाराष्ट्र

भयंकर बारिश से जब पूरी मुंबई डूब रही है, सड़कें नाले में तब्दिल हो गई, और घरों में पानी भर रहा है तो सरकार और नगर निगम अपना पल्ला झाड़ रही है।

सड़कों और नालियों की सफाई के लिए पूरे साल BMC करोड़ों रुपये खर्च करती है। लेकिन मानसून शुरू होते ही BMC के दावों की पोल खुल गई। हर साल की तरह इस साल भी मुंबई वालों को बारिश ने जीना बेहाल कर दिया है।

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