26 जनवरी को किसानों को नाम पर जो हिंसा हुई अब उसके गुनहगारों की तलाश जारी है। लगातार पुलिस एक्शन ले रही है। हिंसा करने वालों की पहचान की जा रही है। इसी क्रम में शनिवार को लाल किले पर जांच करने के लिए एफएसएल की टीम पहुंची। एफएसएल की टीम ने लाल किला से बेहद अहम सुरागों को इकट्ठा किया। इनमें उंगलियों के निशान, तोड़फोड़ के सबूत, पैरों के निशान और खून के सैंपल, इन सबको एफएसएल ने जमा कर लिया है। अब इन सबूतों के ज़रिए ही उन लोगों की पहचान की जाएगी, जो 26 जनवरी के दिन लाल किला हिंसा में शामिल थे। दिल्ली पुलिस अब इन सबूतों के आधार पर आरोपियों की तलाश शुरू करेगी। एफएसएल ने जो कुछ भी यहां जमा किया है, वो अदालत में आरोपियों के खिलाफ बेहद अहम सबूत साबित बन सकते हैं।

नहीं बचेंगे दिल्ली हिंसा के मुजरिम

26 जनवरी को किसान संगठनों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने जमकर बवाल मचाया था। पुलिस ने जिस रास्ते से जानेन की इजाजत दी थी, किसानो ने उसका पालन नहीं किया और पुलिस से भिड़ते हुए दिल्ली में खुब हिंसा फैलाई और प्रदर्शनकारी लाल किले में प्रवेश कर गए थे। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा इस मामले की जांच कर रही है और दोषियों की पहचान करने के लिए कई टीमें गठित की गई हैं। पुलिस ने लाल किला परिसर में तोड़फोड़ किए जाने की घटना को राष्ट्र विरोधी गतिविधि बताया है। इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, फॉरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम ने लालकिले का दौरा किया और यह साक्ष्य एकत्र कर रही है।  केंद्र के नए कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग के समर्थन में किसान संगठनों की ट्रैक्टर परेड के दौरान प्रदर्शनकारी किसानों की पुलिस के साथ झड़प हुई थी। कई प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर चलाते हुए लालकिला परिसर पहुंच गए थे, जबकि उनमें से कुछ ने इस ऐतिहासिक स्मारक के गुंबदों और उस प्राचीर पर धार्मिक झंडा लगा दिया था, जहां देश के प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर ध्वाजारोहण करते हैं।

बातचीत…बस एक कॉल दूर

दिल्ली में हिंसा के बाद भी किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। दूसरी तरफ किसान आंदोलन पर सरकार लगातार मंथन कर रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को बजट सत्र को लेकर सर्वदलीय बैठक हुई। जिसमें किसान आंदोलन का मुद्दा छाया रहा। इस बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि सरकार किसानों से बातचीत को हमेशा तैयार है। उन्होंने कहा कि किसानों से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की ओर से किया गया वादा आज भी बरकरार है। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने यहां तक कहा कि किसानों से सिर्फ एक फोन दूर हूं। वहीं संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सर्वदलीय बैठक हुई, लगभग सब पार्टियों ने बैठक में हिस्सा लिया। विपक्ष ने मांग की है कि लोकसभा में बिल के अलावा चर्चा हो और सरकार इसके लिए सहमत है। विपक्ष ने किसानों के मुद्दे पर भी चर्चा की मांग की है।

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