किसान आंदोलन का आज 76 वां दिन हैं। किसान आंदोलन के दिन जैसे-जैसे बढ़ते जा रहे हैं वैसे-वैसे आंदोलन और सियासत से जुड़ी हुई कई सारी खबरें सामने आ रही हैं। 26 जनवरी के बाद से माहौल काफी बदल चुका है। कल तक जिस आंदोलन में राजनीति की एंट्री पर बैन था अचानक किसानों के मंच पर सियासी दल पहुंचने लगे है और किसान आंदोलन के नाम पर अपनी राजनैतिक रोटियां सेंक रहे हैं। विपक्ष की अचानक से बढ़ी गतिविधियों की वजह से किसान आंदोलन में अब धर्म की एंट्री भी हो गई है।

क्या धर्म के नाम से भड़केगा आंदोलन?
आपको बता दें, किसानों और सिंघु बॉर्ड के नजदीक बसे गांवों के बीच झड़प हुई थी। जिसके बाद शिरेमणि अकाली दल का बड़ा बयान आया है। उन्होंने इस मुद्दे को धर्म से जोड़ दिया है और कहा है कि, दिल्ली पुलिस और आंदोलन का विरोध करने आए लोगों ने सिखों की धार्मिक भावनाएं आहत की हैं। शिरेमणि अकाली दल ने इस झड़प में पुलिस भूमिका की भी जांच करने की बात कही है। वहीं, दूसरी तरफ किसान आंदोलन को छोड़कर गये किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन के भानु गुट की तरफ से किसान नेता राकेश टिकैत पर गंभीर आरोप लगाया गया है।

साथी ने लगाया राकेश टिकैत पर गंभीर आरोप
बीकेयू भानु गुट के प्रमुख भानु प्रताप सिंह ने कहा है कि, राकेश टिकैट अपने ऊप दर्ज हुए केस को हटाने के लिये गाजिपुर में आंदोलन कर रहे हैं। मुकदमें हटते ही राकेश टिकैत आंदोलन खत्म कर देंगे। गाजीपुर में बढ़ी सियासी हचचल के बीच पुलिस ने गाजीपुर की सुरक्षा बढ़ा दी है। बॉर्डर पर रातो-रात 12 लेयर की बैरिकेडिंग कर दी है और एनएच-24 पर यूपी से दिल्ली जाने वाला रास्ता बंद कर दिया गया है। राकेश टिकैट की तरफ से कहा गया है कि, सरकार से हम बातचीत करने को तैयार हैं। ऐसे में एक बार फिर से किसान आंदोलन एक बड़े रूप के साथ उभरकर सामने आया है।

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आरोही डीएनपी इंडिया में मनी, देश, राजनीति , सहित कई कैटेगिरी पर लिखती हैं। लेकिन कुछ समय से आरोही अपनी विशेष रूचि के चलते ओटो और टेक जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही हैं, इन्होंने अपनी पत्रकारिका की पढ़ाई पीटीयू यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है और लंबे समय से अलग-अलग विषयों की महत्वपूर्ण खबरें लोगों तक पहुंचा रही हैं।

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