पुलिस बदनाम है कभी कार्रवाई न करने का आरोप तो कभी आरोपियों से मिलीभगत का आरोप तो अब गाजियाबाद से दारोगा साहब का रिश्वत लेते वीडियो सामने आया है। साहिबाबाद के खोड़ा थाना क्षेत्र के नेहरू गार्डन चौकी इंचार्ज गजेंद्र सिंह का रिश्वत लेते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। एक वकील ने रिश्वत देते हुए यह वीडियो बनाया है। मामला संज्ञान में आते ही SSP ने चौकी इंचार्ज को निलंबित कर जांच सीओ इंदिरापुरम को सौंप दी है। वह पूरे मामले की जांच कर एसएसपी को रिपोर्ट सौंपेंगी।

रिश्वतखोर दारोगा की सफाई

रिश्वतखोरी का वीडियो सामने आया तो पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। दारोगा गजेंद्र सिंह ने रिश्वत लेने की बात से इंकार किया है। उनका कहना है कि उनको बुखार था। वह अपनी चौकी में लेटे हुए थे। उन्होंने बुखार की दवा मंगाई थी। वह दवा लाने के बाद मेरे द्वारा दिए गए रुपये मुझे लौटा रहे थे। उन्हें फंसाने के लिए यह सब किया जा रहा है।

क्या है पूरा मामला ?

गुरुवार को सोशल मीडिया पर दो वीडियो तेजी से वायरल हुए। पहले वीडियो में एक युवक खोड़ा थाना क्षेत्र के नेहरू गार्डन चौकी में रुपये गिनते हुए दिख रहा है। जबकि दूसरे वीडियो में रुपये दरोगा के हाथ में देते हुए दिख रहा है। इस संबंध में अधिवक्ता उमाशंकर शर्मा ने बताया कि नेहरू गार्डन क्षेत्र में एक महिला ने साल 2003 में 150 गज के मकान का बैनामा कराया था। इस बीच उनके पति ने उन्हें छोड़ दिया। आरोप है कि धोखाधड़ी कर उस मकान का आरोपी ने अपनी मौसी के बेटे के नाम पावर ऑफ अटार्नी करा दिया और उसे किराए पर दे दिया। अधिवक्ता का कहना है कि उन्होंने महिला की ओर से इसकी खोड़ा थाने में शिकायत दी। आरोप है कि नेहरू गार्डन चौकी इंचार्ज गजेंद्र सिंह ने रिपोर्ट दर्ज करने के नाम पर रिश्वत मांगी। दरोगा ने सीओ और एसएचओ को भी रुपये देने की बात कही थी। अधिवक्ता का आरोप है कि उन्होंने कई बार में कुल 40 हजार रुपये दिए, लेकिन रिपोर्ट नहीं दर्ज हुई। इस पर उन्होंने दारोगा के रिश्वत लेते हुए वीडियो के साथ मामले की CM, DGP और SSP गाजियाबाद को शिकायत की। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने मामले में चौकी इंचार्ज गजेंद्र सिंह को निलंबित कर पूरे मामले की जांच CO इंदिरापुरम को सौंप दी है। CO इंदिरापुरम अंशु जैन ने बताया कि वीडियो वायरल हुआ है। जिसके बाद चौकी इंचार्ज को सस्पेंड कर दिया गया है। वीडियो में रुपये लेते दिख रहे दरोगा की जांच की जा रही है। जल्द जांच के बाद रिपोर्ट एसएसपी को सौंप दी जाएगी।

गाजियाबाद पुलिस की किरकिरी लगातार

गाजियाबाद पुलिस का विवादों से पुराना नाता है। पैसे हड़पने, रिश्वत लेने का दाग गाजियाबाद की खाकी पर लगते रहे हैं। पिछले साल लिंक रोड थाना पुलिस पर बरामदगी की रकम में से 70 लाख रुपये डकारने के मामले में तत्कालीन एसएचओ लक्ष्मी चौहान समेत सात लोगों पर रिपोर्ट दर्ज की थी। सभी पर 25-25 हजार का इनाम भी घोषित हुआ था। पिछले साल ही इंदिरापुरम पुलिस पर रिश्वत लेकर जुआरियों को होटल से छोड़ने का मामला सामने आया था। इसमें तत्कालीन एसएचओ दीपक शर्मा और दो दरोगा सचिन शर्मा और संदीप कुमार पर रिपोर्ट दर्ज हुई थी। तीनों पर 25-25 हजार का इनाम भी घोषित हुआ था। इसके साथ ही एसएसपी सुधीर कुमार सिंह के पीआरओ पंकज कुमार ने व्हाट्सएप ग्रुप पर मैसेज वायरल किए थे। इसमें उन्होंने ट्रांसफर-पोस्टिंग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। आरोप था कि थानों और चौकियों पर पोस्टिंग के नाम पर खुलेआम सौदा किया जाता है।

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