उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध गोरखपुर मंदिर में हमले के लिए घुसने की कोशिश करने वाले शख्स अहमद मुर्तजा को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। अहमद मुर्तुजा ने हमले की कोशिश के दौरान पीएसी के दो जवानों पर हथियार जोरदार हमला किया था। बता दें कि सोमवार को मुर्तुजा को एसीजेएफ फर्स्ट की अदालत में हाजिर कराया गया। अदालत ने मुर्तजा को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

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रिपोर्ट्स के मुताबिक मुर्तजा खाली हाथ नहीं पाया गया उसके पास लैपटाप, फ्लाइट टिकट और पैन कार्ड बरामद हुआ। पुलिस ने जब मुर्तजा से पूछताछ की तो मुर्तजा ने एक ही बात बार-बार दोहराई कि मैं चाहता हूं कि मुझे कोई गोली मार दे। मुर्तजा का मामला बहुत खुफिया लगता है इसलिए इस मामले को यूपी एटीएस को जांच के लिए सौंपी गई है।उत्तर प्रदेश के एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने इस मुद्दे को लेकर बताया कि रविवार को शाम के दौरान करीब सात बजे गोरखनाथ थाने के गेट नंबर-1 के पास एक इंसान ने मंदिर की सुरक्षा के लिए खड़े पुलिस कर्मचारियों पर हमला बोला और साथ ही धार्मिक नारे भी लगाए। इस घटना के दौरान पुलिस के 2 सिपाही जख्मी हो गए। उन्होंने ने कहा कि इस घटना की जांच शुरू हो गई है। साथ ही बताया कि इस मामले में 61/22 धारदार हथियार को लेकर अलग से मुकदमा दर्ज किया गया है। और सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा बड़ा दी गई है। प्रशांत का कहना है कि इस मामले में सभी एजेंसियों से मदद ली जाएगी। इस मामले का ठीक तौर से पता लगाया जाएगा साथ ही मुर्तजा और किन जगहों की यात्राएं की हैं। NIA और IB भी इस मामले की जांच में शामिल है।

आपको बता दें कि इस घटना में बहादुरी से टिकने वाले सिपाहियों को सम्मानित करने का फैसला लिया गया है। इसके लिए यूपी गृह विभाग ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा है, “गोरखनाथ मंदिर में पुलिस के जवानों पर किया गया हमला एक गम्भीर साजिश का हिस्सा है और सामने आये तथ्यों के आधार पर कहा जा सकता है कि यह आतंकी घटना है।” साथ ही इस घटना को नाकाम करने के वाले सिपाहियों पीएसी कॉन्सटेबल गोपाल गौड़, पीएसी कॉन्सटेबल अनिल पासवान, और कॉन्सटेबल नागरिक पुलिस अनुराग राजपूत को उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री के तरफ से पांच लाख रुपये बहादुरी के इनाम के रूप में दिए जाने की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना की जांच यूपी एटीएस और यूपी एसटीएफ दोनों एजेंसियों को साथ मिलकर मामले का पता लगाने का निर्देश दिया है।

इस घटना के बाद जब पुलिस ने पूछताछ कि तो अहमद मुर्तजा ने बताया कि उसका पूरा नाम अहमद मुर्तजा अब्बासी है और वो गोरखपुर के ही सिविल लाइंस में रहता है। मुर्तजा ने बताया कि उसके पिता का नाम मनीर अहमद है। साथ ही उनसे अपनी शिक्षा के बारे में बताया कि उसने आईआईटी बॉम्बे से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। बाद में पुलिस ने मुर्तजा के घर वालों ने कहा कि वो पहले मुंबई में रहते थे। लेकिन 2020 में अक्टूबर के महीने वो गोरखपुर के सिविल लाइंस में शिफ्ट हो गए। उन्होंने पुलिस को इस बात कि भी जानकारी दी कि मुर्तजा दिमाग से ठीक नहीं है साथ ही कहा कि शनिवार से ही वो घर से लापता था और वो उसे ढूंढ रहे थें।

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