संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास निधि (एमपीलैड) योजना के तहत पूर्ववर्ती सांसदों की 1,723 करोड़ रुपये की राशि खर्च नहीं की जा सकी है। सरकार ने संसद की एक समिति को यह जानकारी दी है।

सरकार ने बताया है कि बची हुई राशि का इस्तेमाल तभी किया जा सकता है, जब पूर्ववर्ती सांसदों के सभी अनुमोदित कार्य पूरे हो जाएं और उनका बैंक खाता बंद कर दिया जाए। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने संसद की प्राक्कलन समिति को बताया है कि सांसद निधि योजना के तहत पूर्ववर्ती सांसद की धनराशि का बाद के सांसद द्वारा सीधे उपयोग नहीं किया जा सकता है।

अप्रैल में ‘एमपीलैड कोष योजना के तहत निधि के आवंटन एवं उपयोग की समीक्षा’ विषय पर लोकसभा में पेश प्राक्कलन समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्ववर्ती सांसदों की 1,723 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च नहीं की जा सकी है।

मंत्रालय के मुताबिक बची हुई राशि का उपयोग उसी सूरत में किया जा सकता है जब पूर्ववर्ती सांसदों के सभी अनुमोदित कार्य पूरे हो जाएं तथा उनका बैंक खाता बंद कर दिया जाए और शेष राशि बाद के सांसद के बैंक खाते में हस्तांतरित की जाए। समिति ने सरकार से कहा, ‘‘उसे उम्मीद है कि मंत्रालय इतनी बड़ी राशि के बेकार पड़े रहने से जुड़ी समस्याओं की पहचान करेगा और इस संबंध में हुई प्रगति से अवगत कराएगा।’’

रिपोर्ट के अनुसार 16वीं लोकसभा में एमपीलैड योजना के अधीन सांसदों की 470 किस्तों के तहत 1,175 करोड़ रुपये की राशि लंबित है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2015-16 में दो किस्तों के तहत पांच करोड़ रुपये, 2016-17 में 22 किस्तों के तहत 55 करोड़ रुपये, 2017-18 में 91 किस्तों के तहत 227 करोड़ रुपये और 2018-19 में 355 किस्तों के तहत 887 करोड़ रुपये की राशि लंबित है।

यह भी पढ़े:  Terror funding case: टेरर फंडिंग की खुफिया इनपुट के बाद SIA ने दिल्ली, हरियाणा और कश्मीर में की ताबड़तोड़ छापेमारी

मंत्रालय ने यह भी बताया कि 17वीं लोकसभा के संबंध में वित्त वर्ष 2019-20 में 102 किस्तें लंबित हैं। मालूम हो कि एमपीलैड योजना कोविड महामारी के दौरान दो वर्षों (2020-21 और 2021-22) के लिए निलंबित कर दी गई थी। बहरहाल, प्रत्येक सांसद को दो करोड़ रुपये की एक किस्त जारी कर इसे 2021-22 की बाकी अवधि के लिए बहाल कर दिया गया है।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें।आप हमें FACEBOOKINSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो पर सकते हैं

Share.
Exit mobile version