हम मनुष्य काफी ही अजीब प्रगति के होते हैं ना…जब मई जून के महीनों में भीषण गर्मी पड़ रही होती है तब हम कहते है। हे भगवन कितनी गर्मी है…न जाने ये सर्दियां कब आएँगी ? और जब सर्दियाँ आती हैं तो हमारे मुँह से बस यही निकलता है…..जे सर्दियाँ तो जान ही ले लेंगी। बाबा रे….कितनी ठण्ड है। यार..इस साल ज़याद सर्दी पड़ रही है… पिछली बार इतनी नहीं थी न। बिहार के जहानाबाद जिले में शीतलहर के प्रकोप को लेकर जिला प्रशासन द्वारा हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। इस मामले में जिलाधिकारी नवीन कुमार ने बताया कि प्रभारी अधीक्षक, सदर अस्पताल, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, अस्पताल प्रबंधक, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक को निर्देश दिया गया है कि अपने क्षेत्रान्तर्गत शीतलहर या ठंढ से बचाव और इसके लक्षण से सभी अवगत कराएं। साथ ही शीतलहर या ठंढ लगने पर व्यक्ति के लक्षण उत्पन्न और शीतलहर या ठंढ से बचाव के लिए उपाय का व्यपक प्रचार करें।

जिलाधिकारी ने जनता से गुजारिश करते हुए कहा कि – बन्द कमरों में जलती हुई लालटेन, दीया और कोयले की अंगीठी का प्रयोग करते समय धुंऐं के निकास का उचित प्रबंध करें। प्रयोग के बाद इन्हें अच्छी तरह से बुझा दें। हीटर, ब्लोअर इत्यादि का प्रयोग करने के बाद स्विच ऑफ करना न भूलें अन्यथा यह जानलेवा हो सकता है। ठंढ के मौसम में श्वस्न संबंधी बीमारी बढ़ने की संभावना बनी रहती है, कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर श्वस्न संबंधी कोई भी लक्षण आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में सम्पर्क करें। शीतलहर या ठंढ से बचाव के लिए जब तक बाहर जाने की जरूरत न हो यथासम्भव घर में ही रहने का प्रयास करें। यदि घर से बाहर जाना आवश्यक हो तो समुचित उनी और गर्म कपड़े पहन कर ही निकलें. समाचार पत्र, रेडियों, टेलीविजन से मौसम के संबंध में दी जाने वाली जानकारी पर ध्यान दें।

दमा, हृदय रोग, रक्त चाप, एलर्जी इत्यादि से ग्रसित मरीज आवश्यक सावधानी अपनाये, किसी भी तरह समस्या होन पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र से अवश्य सम्पर्क करें। विशेष परिस्थिति में नजदीकी सरकारी अस्पताल में चिकित्सकीय परामर्श लें अथवा रोगी वाहन एम्बुलेन्स की सहायता लेने हेतु दूरभाष संख्या 102 पर सम्पर्क करें तथा मास्क का अवश्यक रूप से उपयोग करें।

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