अपने उल्टी सीधी हरकतें और गलत वयानवाजी के लिए मशहूर अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किले कम होने का नाम नहीं ले रहा है। वे अमेरिका के पहले राष्ट्रपति बन गए हैं जिन्हें अपने कार्यकाल के दौरान दो बार महाभियोग का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिका के प्रतिनिधि सभा ने उनके खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव पारित कर दिया है। वोटिंग के दौरान महाभियोग के समर्थन में 232 जबकि महाभियोग के विरोध में केवल 197 वोट पड़े। इन सबके बीच नोटिस करने वाली बात ये रही कि दस रिपब्लिकक सांसदों ने भी ट्रंप के खिलाफ महाभियोंग के समर्थन में अपना मतदान किया। ट्रंप के लिए इसके अधिक शर्मनाक बात क्या हो सकती है। महाभियोग वाले इस प्रस्ताव को अब उन्नीस जनवरी को सीनेट के समक्ष लाया जाएगा। सीनेट में प्रस्ताव पारित होने के बाद डोनाल्ड ट्रंप को अपने निर्धारित समय से पहले पद छोड़न पड़ेगा।


गौरतलब है कि ट्रंप के विरूद्ध उनके कार्यकाल में दूसरी बार महाभियोग का प्रस्ताव लाया जा रहा है। इससे पहले दिसंबर 2019 में भी उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित हो चुका है। तब ट्रंप पर आरोप लगा था कि वे यूक्रेन की सरकार पर बाइडेन और उसके बेटे के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच करवाने के लिए दवाब बना रहे थे।उस समय रिपब्लिक के बहुमत वाले सिनेट ने उन्हें आरोपों से बरी कर दिया था।ट्रंप के खिलाफ पारित महाभियोग प्रस्ताव के बाद व्हाइट हाउस ने जारी अपने वयान में कहा है कि ये अमेरिका के इतिहास में काफी शर्मनाक घटनाओं में से एक है। अमेरका के इतिहास में अभी तक किसी राष्ट्रपति को उसके पद से महाभियोग द्वारा नहीं हटाया गया है।

गौरतलब है कि अमेरिकी संसद पर हुए हमले के लिए राष्ट्रपति ट्रंप को जिम्मेदार ठहराया गया है। हिंसा के दौरान पांच लोगों की मौत हुई थी। ट्रंप शासन के कुछ ही समय बचे हैं। 20 जनवरी को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन कार्यभाल संभालेंगे। लेकिन इससे पहले डेमोक्रिटिक सांसदों ने ट्रंप को उसके पद से हटाने का संकल्प ले लिया है।

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