तिरंगे का अपमान न कभी सहा था और न कभी सहेंगे। सच्चे देशभक्त को इस बात से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता की फिर तिरंगे का अपमान करने वाला कोई भी व्यक्ति हो या किसी भी पद पर हो। जिसने भी तिरंगे का अपमान किया उस इंसान के खिलाफ कड़ा विरोध करना तो बाजिव है। हाल ही में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने तिरंगे का अपमान किया। महबूबा ने कहा कि जब तक जम्मू-कश्मीर को लेकर पिछले साल पांच अगस्त को संविधान में किए गए बदलावों को वापस नहीं ले लिया जाता, तब तक उन्हें चुनाव लड़ने अथवा तिरंगा थामने में कोई दिलचस्पी नहीं है। आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद ही कश्मीर अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बना।‘जहां तक मेरी बात है तो मुझे चुनाव में कोई दिलचस्पी नहीं है। जब तक वह संविधान हमें वापस नहीं मिल जाता जिसके तहत मैं चुनाव लड़ती थी, तब तक महबूबा मुफ्ती को चुनाव से कोई लेना देना नहीं है। हम आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को पिछले साल अगस्त में खत्म किए जाने के बाद से महबूबा हिरासत में थीं। रिहा होने के बाद पहली बार मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि वो भारत का तभी तिरंगा उठाएगी जब पहले उन्हें प्रदेश का झंडा उठाने दिया जाएगा।

महबूबा मुफ्ती ने अपने बयान में तिरंगे का अपमान किया। जिसके बाद आज जम्मू में हिन्दू-मुस्लिमों ने मिलकर महबूबा के खिलाफ प्रदर्शन किया। न ही सिर्फ प्रदर्शनकारियों ने महबूबा को चीन या पाकिस्तान भेजने की मांग की बल्कि,इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने महबूबा मुफ्ती की तस्वीरें भी जलाई और उनके विरोध में नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जम्मू में हिन्दू और मुस्लिम मिलकर महबूबा द्वारा दिए गए इस अपमानित बयान का खंडन करते हैं और महबूबा को चीन या पाकिस्तान भेज दिया जाए…..इस बात की मांग करते हैं ।

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