NEW DELHI: 31 जुलाई को चुशुल मोल्डो में हुई कोर कमांडरों के बीच 12 वें दौर की वार्ता के बाद पूर्वी लद्दाख में गोगरा हाइट्स के विवादित क्षेत्र से भारत और चीन ने अपने-अपने सैनिक पीछे हटा लिये हैं। अब दोनों देशों के सैनिक अपने-अपने स्थायी ठिकानों पर हैं..मई में दोनों देशों की सेना आमने-सामने आई थी जिसके बाद सुरक्षा के लिहाज से अस्थायी ढांचे और संबद्ध बुनियादी ढांचे बनाए गये थे। अब उन ढांचों को भी नष्ट कर दिया गया है।

बता दें कि ऐसा तीसरी बार हुआ है जब दोनों देशों ने तनाव कम कर अपनी-अपनी सेना को पीछे हटा लिया है। इससे पहले गलवान और उसके बाद पूर्वी लद्दाख में एलएसी मामले पर सेना वापस लौटी हैं। सेना के सूत्रों के मुताबिक दोनों देशों के बीच भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा और संबंधित शेष क्षेत्रों के समाधान पर गहन विचार-विमर्श किया गया है। इसे पहले मई में दोनों देशों के बीच ऐसी स्थिति बनी थी। दोनों पक्षों में सहमति बनने के बाद 4 अगस्त से 5 अगस्त तक दो दिनों तक सेना को हटाने का काम सीमा पर चलता रहा । दोनों पक्षों के सैनिक अब अपने-अपने स्थायी ठिकानों पर हैं..उन्होंने आगे बताया कि यह समझौता सुनिश्चित करता है कि इस क्षेत्र में एलएसी का दोनों पक्षों द्वारा कड़ाई से पालन और सम्मान किया जाएगा और भविष्य में ऐसी स्थिति न आए इसका भी ध्यान रखा जाएगा।

यह भी पढ़े मोल्डो वार्ता के बाद लद्दाख गतिरोध कम, दोनों देशों ने गोगरा हाइट्स से सेना हटाने का लिया फैसला

गौरतलब है कि भारत और चीन 31 जुलाई को 12वीं कोर कमांडर स्तर की वार्ता के दौरान गोगरा हाइट्स क्षेत्र में सैनिकों को हटाने पर सहमत हुए थे। यह बैठक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के चीनी पक्ष के मोल्डो में हुई थी। दोनों देशों के बीच ये वार्ता तकरीबन नौ घंटे तक चली थी।इससे पहले दोनों देशों के बीच आखिरी सहमति 6 महीने पहले बनी थी जब भारत और चीन पैंगोंग झील क्षेत्र में सैनिकों को हटाने पर सहमत हुए थे

Share.
Exit mobile version