एक तरफ चीन से तनाव कम होता दिख रहा है तो दूसरी तरफ नेपाल भारत से पंगे लेने की मूड में नजर आ रहा है। नेपाल बॉर्डर पर लगातार बखेड़ा खड़ा करने में लगा हुआ है। अबकी बार नेपाल ने सीतामढ़ी बॉर्डर पर भारतीय जमीन में हो रहे सड़क निर्माण के काम को रुकवा दिया। और भारत की 20 मीटर जमीन पर अपनी दावेदारी पेश कर दी। जानकारी के मुताबिक सड़क का निर्माण भिठ्ठामोड़ चौक से नो मेंस लैंड तक हो रहा है। जिसे नेपाल अपना बता रहा है। जैसे ही सड़क निर्माण के काम को रोका गया वैसे ही तनाव चरम पर पहुंच गया। दोनों देशों की सेनाएं आमने सामने आ गई। और लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। जिसके बाद जवानों ने लोगों को समझाकर शांत कराया।

अब नेपाल ने सीतामढ़ी में भारत की जमीन को बताया अपना (फाइल फोटो)

बताया जा रहा है कि नेपाल पुलिस ने जिस सड़क निर्माण कार्य पर रोक लगाई है वह राष्ट्रीय राजमार्ग का है। इस सड़क की हालत पिछले लंबे अरसे से खराब थी। एसएसबी के अधिकारी नवीन कुमार ने बताया कि- नेपाल की पुलिस ने सड़क निर्माण पर आपत्ति जताते हुए काम को रोक दिया। अभी कुछ दिन पहले भी नेपाल ने सीमा पर पिलर 347/5 से 347/7 के बीच की जमीन को अपनी बताकर भारतीय इंजीनियरों को बांध के मरम्मत का काम करने से रोक दिया था। तब भारत और बिहार सरकार के हस्तक्षेप के बाद विवाद सुलझ पाया था। इससे पहले भी नेपाल भारत की जमीन को अपनी जमीन बता चुका है। 8 मई को राजनाथ सिंह ने लिपुलेख में नई सड़क का उद्घाटन किया । जिसके कुछ घंटों बाद ही नेपाल ने लिपुलेख को अपना हिस्सा बताते हुए विरोध करना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं 18 मई को नेपाल ने नया नक्शा भी जारी कर दिया। जिसमे भारत के तीन इलाके लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी को अपना हिस्सा बताया। इसके बाद इस नक्शे को नेपाल की संसद में पास कराया गया। जिस पर विवाद अब भी जारी है।

नेपाल पिछले कई महीने से भारतीय जमीन पर ठोक रहा है दावा (फाइल फोटो)

भारत और नेपाल के बीच शुरू से ही रोटी-बेटी का रिश्ता है। अब समझ में यह नहीं आ रहा कि आजतक नेपाल ने इस जमीन पर कभी अपनी हुकूमत नहीं जताई। अब आखिर अचानक नेपाल भारत से बार-बार क्यों उलझ रहा है। किसके दम पर नेपाल लगातार भारत को आंख दिखा रहा है। जानकारों का ये भी मानना है कि नेपाल ये सब चीन के इशारों पर कर रहा है। लेकिन शायद नेपाल जानता नहीं है भारत से पंगा उसे बहुत महंगा पड़ सकता है।

Share.
Exit mobile version