राम मंदिर का निर्माण अब बस होने ही वाला है। राम मंदिर का निर्माण राम भक्तों के लिए बहुत खुशी की बात है। भक्तों मंदिर निर्माण के लिए कई सालों का इंतजार करना पड़ा है। हर राम भक्त चाहता है कि राम मंदिर भव्य और सबसे शानदार बने, क्योंकि ये मंदिर बड़े ही संघर्षों के बाद बन रहा है। राम मंदिर का मसला कोई आज का नहीं बल्कि दशकों पुराना है। इस मंदिर को लेकर कई तरह की बातें अब तक होती रही हैं। मंदिर को लेकर आंदोलन भी हुए। रथयात्रा भी हुई, मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा लेकिन आखिरकार 500 साल बाद भक्तों को जीत मिली। मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम की नगरी अयोध्या अब इंतजार कर रही है, इंतजार देश के प्रधानसेवक नरेंद्र मोदी का, 5 तारीख को प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या आएंगे और वह मुराद पूरी करेंगे जिसका इंतजार लाखों करोड़ों राम भक्त कर रहे थे। अब हम आपको एक ऐसी महिला की कहानी बताते हैं, जिन्होंने राम मंदिर के निर्माण के इंतजार में 28 साल से अन्न ग्रहण नहीं किया है।

मंदिर इंतजार में उर्मिला की तपस्या

मध्य प्रदेश के जबलपुर की 81 साल की उर्मिला चतुर्वेदी ने 28 साल से अन्न नहीं खाया है। उर्मिला ने 28 साल पहले विवादित ढांचा गिराए जाने पर संकल्प लिया था कि, जब तक राम मंदिर का निर्माण शुरू नहीं होगा वो अन्न ग्रहण नहीं करेंगी। अब जब 5 अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन होने जा रहा है तो उर्मिला को अपना संकल्प पूरा होता दिख रहा है। इन सालों में वह केवल दूध और फलाहार के सहारे थीं। परिजनों के मुताबिक, अन्न त्यागने के संकल्प को लेकर उन्होंने कई बार संकल्प खत्म करने की मिन्नत की लेकिन उर्मिला टस से मस नहीं हुईं और तब से उन्होंने अन्न ग्रहण नहीं किया और केवल फलाहार कर रहीं हैं। उर्मिला के घर में राम दरबार हैं जहां वो रोज़ बैठकर राम नाम का जाप भी करती हैं। वहीं जब सुप्रीम कोर्ट ने रामजन्म भूमि के पक्ष में फैसला सुनाया तब उर्मिला चतुर्वेदी ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फैसले के लिए बधाई संदेश भी भेजा।

बढ़ती उम्र…बढ़ता हौसला

उर्मिला चतुर्वेदी की इच्छा है कि अयोध्या में रामलला के दर्शन करके ही वो अपना संकल्प खोलें हालांकि ऐसा मुमकिन होता नहीं दिख रहा, क्योंकि 5 अगस्त को अयोध्या में किसी भी बाहरी का जाना मना है ऐसे में पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में भूमि पूजन के बाद मंदिर की नींव रखेंगे। उस समय दिनभर उर्मिला घर पर रामनाम का जाप करेंगी। उन्होंने कहा कि पूजन में शामिल नहीं हो पाने से वे दुखी हैं, लेकिन इसे वे राम की इच्छा मानकर संतोष करती हैं। उर्मिला चतुर्वेदी के मुताबिक, राममंदिर का भूमिपूजन मेरे पुनर्जन्म जैसा है।

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