सिंगापुर में आज 64 साल की उम्र में राज्यसभा सदस्य और पूर्व समाजवादी पार्टी नेता अमर सिंह का निधन हो गया है। अमर सिंह काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे और करीब 6 महीने से उनका सिंगापुर में इलाज किया जा रहा था। एक रिपोर्ट में बताया गया था कि वह आईसीयू में थे जहां उन्होंने आखिरी सांस ली। इससे पहले, साल 2013 में अमर सिंह की किडनी खराब हो गई थी और कुछ दिनों पहले ही उनका किडनी ट्रांसप्लांट भी किया गया था। अमर सिंह, समाजवादी पार्टी के पूर्व महासचिव रहे हैं साथ ही राज्यसभा सांसद भी रहे हैं। अमर सिंह एक समय समाजवादी पार्टी की नंबर दो पोजिशन के नेता भी रहे थे। क्योंकि अमर सिंह सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के काफी करीब माने जाते थे। हालांकि साल 2010 में पार्टी के सभी पोस्ट से इस्तीफा दे दिया था। बाद में उन्हें पार्टी से भी बर्खास्त कर दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमर सिंह के निधन पर दुख जताते हुए ट्वीट किया कि वह काफी ऊर्जावान नेता थे और उन्होंने पिछले कुछ दशकों में देश की राजनीति के अहम उतार-चढ़ाव काफी करीब से देखे थे.वो अपने जीवन में दोस्ती के लिए जाने जाते रहे हैं. उनके निधन की खबर सुनने से दुखी हूं। उनके परिवारजनों और दोस्तों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।

अंतिम समय तक सोशल मीडिया पर सक्रिय

आज दिन में ही अमर सिंह ने स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी और सभी फॉलोअर्स को ईद अल अजहा के मौके पर उन्हें बधाई भी दी। अगर अमर सिंह के प्रोफाइल को देखेंगे तो ऐसा लगचा है कि, वह बीमार होने के बावजूद सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय थे। 22 मार्च को अमर सिंह ने अस्पताल से ट्विटर पर एक छोटा सा वीडियो पोस्ट किया था। इस वीडियो में उन्होंने अपने सभी फॉलोअर्स में अपील करते हुए कहा था कि, कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का समर्थन करें। इससे पहले 2 मार्च को उन्होंने एक अन्य वीडियो संदेश पोस्ट करते हुए उन कयासों पर विराम लगाया था, जिसमें यह कहा जा रहा था कि वे इस दुनिया में नहीं रहे। वीडियो के साथ एक लाइन में छोटा सा संदेश लिखा था- टाइगर जिंदा है।

मुलाकात, दोस्ती, दुश्मनी और तकरार

एक कहावत है राजनीति में ना ही कोई दुश्मन होता है, ना ही दोस्त…अमर सिंह और मुलायम सिंह की दोस्ती पर ये कहावत सही साबित होती है। दोनों की दोस्ती की शुरूआत करीब 24 साल पहले एक जहाज में हुई थी। उस वक्त मुलायम सिंह यादव देश के रक्षामंत्री थे। और अमर सिंह बड़े उद्योगपति के रूप में पहचाने जाते थे। 1996 की इस मुलाकात के बाद अमर सिंह, मुलायम सिंह के इतने खास बन गए कि उन्हें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद सौंप दिया गया। सन 2000 की बात करें तो टिकटों के बंटवारे से लेकर पार्टी के कई बड़े फैसलों में उन्होंने मुलायम के साथ प्रमुख भूमिका निभाई। लेकिन 2010 आते-आते अमर सिंह सपा से दूर होते चले गए। दो दशक तक पूर्वांचल की सियासत में बड़ी भूमिका निभाने वाले अमर को साल 2010 में समाजवादी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। जिसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोकमंच का गठन किया। हालांकि साल 2016 में अमर सिंह को एसपी के समर्थन फिर राज्यसभा का सांसद बनने का मौका मिला। वहीं समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने निधन पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा, श्री अमर सिंह जी के स्नेह-सान्निध्य से वंचित होने पर भावपूर्ण संवेदना एवं श्रद्धांजलि।

प्रधानमंत्री मोदी और अखिलेश यादव के अलावा देशभर की हस्तियों ने अमर सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शोक व्यक्त करते हुए लिखा, ईश्वर श्री अमर सिंह जी की आत्मा को अपने श्रीचरणों में शरण दें। श्री अमर सिंह जी के परिवार के प्रति मेरी भावपूर्ण संवेदनाएं। मैं इस दुखद क्षण में उनकी शोक संतप्त पत्नी और बेटियों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करती हूं। वहीं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, अपनी विशिष्ट कार्यशैली से भारतीय राजनीति पर अमिट प्रभाव डालने वाले मृदुभाषी राजनेता, सांसद श्री अमर सिंह जी का निधन दुःखद है। उनके परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें, ऊं शांति।

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