बिहार में शराबबंदी कानून लागू है, लेकिन इसके बावजूद लगातार शराब मिलने और जहरीली शराब से मौत का सिलसिला बदस्तूर जारी है. बड़े पैमाने पर शराब की तस्करी भी की जा रही है. इसको लेकर जहां सत्ता पक्ष विपक्ष के निशाने पर है तो वहीं, राज्य सरकार की सहयोगी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी ने शराबबंदी कानून की समीक्षा की मांग कर सियासी पारा हाई कर दिया है.

हम ने जारी किया बयान
जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने बयान जारी कर कहा कि, “छपरा में जहरीली शराब से हुई मौत की घटना बेहद दुखद है. राज्य सरकार इसको लेकर गंभीर भी है, लेकिन जिस तरीके से शराबबंदी की आड़ में जहरीली शराब बिक रही है उसमें कहीं न कहीं स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत है. हमने स्पष्ट तरीके से कहा है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अनुरोध किया है कि अविलंब शराबबंदी कानून की समीक्षा की जाए.”

मांझी की पार्टी ने किया सवाल

  1. सूबे में शराब किसकी वजह से बिक रही है.
  2. लोग जहरीली शराब क्यों पी रहे हैं?
  3. कौन तबका सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है?
  4. लोगों की राय ली जाए

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दानिश रिजवान ने आगे कहा, “समीक्षा अगर नहीं होगी तो कौन लोग दोषी हैं जिनकी वजह से सूबे में शराब बिक रही है. क्या कारण है कि लोग जहरीली शराब पी रहे हैं. कौन सा तबका सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है. यह सब जांच का विषय है. इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अनुरोध करते हुए कह रहा हूं कि अविलंब शराबबंदी कानून की समीक्षा करें.”

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