धर्मांतरण केस की जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है। वैसे वैसे नए नए खुलासे हो रहे हैं। अब पता चला है कि आरोपी उमर गौतम ने साजिश के तार यूपी के 35 से ज्यादा जिलों में फैला रखे थे। कानपुर में भी उसके 8 मददगार थे। जो धर्मांतरण कराने में उसकी मदद करते थे। इस बीच जांच एजेंसियों का शिकंजा आरोपियों पर कसता जा रहा है। उमर गौतम और जहांगीर दोनों के खाते को फ्रीज कर दिया है। वहीं आयकर विभाग भी धर्मांतरण की काली संपत्ति की जांच पड़ताल में जुट गई है। यूपी एटीएस के गिरफ्त में आए धर्मांतरण के धंधेबाजों पर एटीएस का शिकंजा कसा तो अपने पाप की परतें ये खुद खोलने लगे। सात दिन तक एटीएस के अफसरों ने इनसे गहनता से पूछताछ की, जिसमें इनके कानपुर कनेक्शन का खुलासा हुआ है। जांच के दौरान एटीएस को पता चला है कि, 8 लोग अब भी धर्मांतरण के लिए उमर की मदद कर रहे थे ये सभी लोग मिलकर लोगों को झांसे में लेकर उनका धर्म बदलवा देते थे। इन लोगों में दो मौलवी भी शामिल हैं। जांच एजेंसी के मुताबिक ये सभी लोग उमर गौतम की हर सभा में शामिल होते थे। उमर गौतम की सभा में यही लोग भीड़ जुटाते थे।

अधर्मियों पर सरकार की नजर

फिलहाल एटीएस और क्राइम ब्रांच के अफसर उमर और जहांगीर के मददगारों की तलाश में जुटे हैं। इस बीच सीएम योगी खुद पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होने अफसरों को पल पल की अपडेट देने को कहा है…..साथ ही सीएम योगी के निर्देश पर ऐसे लोगों की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी है जो जबरन अवैध तरीके से धर्मांतरण कराने के कार्य में सहयोगी थे। सरकार उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई करने की तैयारी में है। देश की सुरक्षा और आस्था के खिलाफ साजिश करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। धर्मांतरण केस में फरार आरोपियों की तलाश तेज की जा रही है। धर्मांतरण के आरोपियों के खिलाफ योगी सरकार एक्शन मोड में है। उमर और जहांगीर तो पहले से एटीएस के शिकंजे में हैं और अब उनसे पूछताछ के आधार पर सहयोगियों की तलाश भी तेज हो गई है। यूपी पुलिस फिलहाल 32 जिलों में जांच पड़ताल कर रही है। उम्मीद है जल्द कई धर्मांतरण के धंधेबाज पुलिस के शिकंजे में होंगे।

Share.
Exit mobile version