NEW DELHI: कोरोना की तीसरी लहर का अंदेशा होने पर उत्तराखंड सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। श्रावण मास में होने वाली कांवड़ यात्रा को राज्य सरकार ने रद्द कर दिया है। बता दें कि पिछले साल भी कोरोना की वजह से उत्तराखंड सरकार को कांवड़ यात्रा रद्द करनी पडी थी। वही उत्तरप्रदेश में कांवड़ यात्रा को योगी सरकार की अनुमति मिल चुकी है। कांवड़ यात्रा में उत्तराखंड का मुख्य रूप में खासा महत्व है जो मेजबान राज्य की भूमिका अदा करता है।

राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद पुष्कर सिंह धामी का वैश्विक महामारी को लेकर बड़ा फैसला है। बीते दिनों सीएम धामी ने गहमंत्री अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। जहां कांवड़ यात्रा के संबध ने विस्तृत चर्चा हुई थी। लाखों की संख्या में श्रद्धालु इस कांवड़ यात्रा में शामिल होते है। दूसरी तरफ कांवड़ यात्रा के दौरान शिव भक्त यूपी, हरियाणा और दिल्ली समेत कई राज्यों से कांवड़ लेकर हरिद्वार पहुंचते है। कांवड़िया इस यात्रा को पैदल करते है।हालांकि यात्रा पर रोक लगने के साथ व्यापारियों को झटका लगा है। हरिद्वार में लंबे समय से व्यापारी कांवड़ यात्रा को संचालित करने की मांग कर रहे थें। पिछले साल भी कोरोना की वजह से यात्रा रुकने से व्यापारियों को घाटा हुआ था

कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा लोगों की जान बचाना हमारी पहली प्राथमिकता है। भगवान नहीं चाहेंगे आस्था के नाम पर किसी को कोरोना की वजह से नुकसान हो।हम किसी भी कीमत पर जान माल की हानि नहीं होने देंगे। फिलहाल कांवड़ यात्रा के साथ साथ उत्तराखंड हाई कोर्ट चारधाम यात्रा पर भी रोक लगा चुका है।हाई कोर्ट ने सरकार से चार धाम की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए चार धाम बोर्ड से फैसला लेने को कहा है।

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