किसानों की लड़ाई संसद से शुरु हुई और अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है। इस बीच सड़कों पर भी संग्राम जारी है। कांग्रेस मुद्दे को छोड़ना नहीं चाहती है। यूपी में आज प्रदर्शन के बीच यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की आज गिरफ्तारी भी हुई। कांग्रेस देशभर में सड़कों पर हैं। इन सबके बीच किसान और कृषि कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पहली याचिका दाखिल की गई है। केरल के कांग्रेस सांसद टीएन प्रथापन ने कृषि कानून के विभिन्न प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है सांसद टीएन प्रतापन ने किसानों के मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020 को चुनौती दी है। वकील जेम्स पी थॉमस के माध्यम से दायर याचिका में कांग्रेस सांसद प्रथापन ने कहा कि भारतीय कृषि में छोटी जोत के कारण विखंडन की विशेषता है और इसमें मौसम से निर्भरता, उत्पादन में अनिश्चितता और अप्रत्याशित बाजार जैसे नियंत्रण से परे कुछ अंतर्निहित कमजोरियां भी हैं। जो कि यह कृषि को जोखिम भरा बनाता है। कांग्रेस सांसद द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया कि किसानों को मौसम पर निर्भरता जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, उनकी आय बढ़ाने के लिए उपज के मुद्रीकरण द्वारा संबोधित नहीं किया जा सकता है, इसके बजाय कृषि उपज बाजार समिति प्रणाली को और अधिक पूंजी और न्यूनतम समर्थन मूल्य के प्रभावी प्रबंधन से प्रभावित किया गया है। याचिका में कहा गया है कि यह कानून गैरकानूनी है।

सरकार का पक्ष, किसानों को बनाया सशक्त

बता दें कि तीन कृषि  विधेयक राज्यसभा में भारी हंगामे के बीच बिना मत विभाजन के पारित हो गया था। इस पर विपक्षी सांसदों ने जमकर बवाल किया। इस वजह से 8 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद सांसदों ने उप सभापति पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए संसद परिसर में ही रात भर धरना दिया था। रविवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर के साथ ही इन तीनों विधेयकों को कानून के रूप में मान्यता मिल गई। सरकार के अनुसार, नया कानून किसानों को बचाने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए कृषि समझौतों के लिए एक राष्ट्रीय ढांचा प्रदान करने का इरादा रखता है। क्योंकि वे कृषि सेवाओं और खाद्य प्रसंस्करण फर्मों, थोक विक्रेताओं, निर्यातकों और बड़े खुदरा विक्रेताओं के साथ कृषि सेवाओं और उपज की बिक्री के लिए संलग्न हैं। एक उचित और पारदर्शी तरीके से पारिश्रमिक मूल्य की रूपरेखा तैयार करता है।

कांग्रेस लगातार हमलावर

कृषि कानून के विरोध में आवाज बुलंद करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, एक त्रुटिपूर्ण जीएसटी ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को बर्बाद कर दिया। नए कृषि कानून हमारे किसानों को गुलाम बना देंगे।  पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी किसानों के प्रदर्शन का समर्थन किया और आरोप लगाया कि ये कृषि विधेयक ईस्ट इंडिया कंपनी राज की याद दिलाते हैं। देश के दो राज्‍यों पंजाब और हरियाणा में इन कृषि कानूनों का सबसे ज्‍यादा विरोध हो रहा है।

किसानों का प्रदर्शन जारी

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा कृषि विधेयकों को मंजूरी मिलने के बाद आज अलग-अलग राज्यों में प्रदर्शन हो रहे हैं। इसमें कांग्रेस पार्टी दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में प्रदर्शन कर रही है। दिल्ली में सुबह राजपथ पर इंडिया गेट के पास एक ट्रैक्टर चलाया गया था, इसमें 6 लोगों को पकड़ा जा चुका है। सभी पंजाब के बताए गए हैं। कर्नाटक, पंजाब में भी आज विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। यूपी में प्रदर्शन के दौरान पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में झड़प हो गई। जिसके बाद यूपी कांग्रेस चीफ अजय कुमार लल्लू को गिरफ्तार कर लिया गया।

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