केरल के सोने की तस्करी के मामले में संबंधित रैकेट के माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम के गिरोह के शामिल होने के राष्ट्रीय जांच एजेंसी के संदेह पर विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने चिंता जाहिर की है। इसके साथ ही विदेश राज्य मंत्री ने केरल भाजपा के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के इस्तीफे की मांग के बारे में भी बताया है। विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि NIA ने कहा है कि केरल सोने की तस्करी के आरोपियों का दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी से कनेक्शन है। यह एक गंभीर मसला है। उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि एनआईए और गृह मंत्रालय  यह सुनिश्चित करने के लिए उचित कार्रवाई करेगा कि आरोपी के खिलाफ यूएपीए के आरोपों की पुष्टि की जाए। वी मुरलीधरन ने आगे कहा कि इस मामले में शामिल लोगों के केरल के मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े होने की बात भी सामने आई है। इसलिए स्वाभाविक रूप से, उन्हें सरकार के भीतर शक्तिशाली लोगों से संरक्षण मिला है। यही कारण है कि केरल भाजपा ने केरल के मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है।

NIA को D कंपनी से शामिल होने का संदेह

केरल सोना तस्करी मामले में आतंकी संपर्क की जांच कर रहे NIA ने एक विशेष अदालत में संकेत दिए कि उसे संबंधित रैकेट में माफिया डॉन दाऊद इब्राहीम के गिरोह के शामिल होने का संदेह है। एजेंसी ने कहा कि सोने की तस्करी से मिलने वाले मुनाफे का इस्तेमाल राष्ट्रविरोधी गतिविधियों और आतंकी कृत्यों में होने की संभावना संबंधी खुफिया जानकारी है। एनआईए ने कहा कि मामले में जांच को आगे बढ़ाने के लिए 180 दिन तक सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में रखा जाना अत्यंत आवश्यक है। एजेंसी ने सभी आरोपियों की जमानत याचिकाओं का विरोध किया। हालांकि अदालत ने 10 आरोपियों को जमानत दे दी और तीन अन्य की जमानत अर्जी खारिज कर दी।

क्या है पूरा मामला ?

सीमाशुल्क विभाग ने 5 जुलाई को 15 करोड़ रुपये मूल्य का 30 किलोग्राम सोना जब्त किया था। इस मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी, सीमा शुल्क विभाग और प्रवर्तन निदेशालय समेत केंद्रीय एजेंसियां इस मामले में अलग अलग जांच कर रही है। NIA ने इस मामले में गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के तहत सुरेश, सरित पीएस, संदीप नायर और फैजल फरीद सहित कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सुरेश और सरित संयुक्त अरब अमीरात के वाणिज्य दूतावास के पूर्व कर्मचारी हैं। मामला संयुक्त अरब अमीरात के तिरुवनंतपुरम स्थित वाणिज्य दूतावास के एक अधिकारी के नाम का इस्तेमाल कर राजनयिक सामान के जरिए सोने की तस्करी की कोशिश से जुड़ा है।

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