पीएम मोदी समेत केंद्र के कई मंत्रियों ने किसानों को कृषि कानूनों के फायदे किसानों को बताए। लेकिन किसान अभी भी दिल्ली की सीमाओं पर अड़े हुए हैं। हालांकि प्रधानमंत्री की अपील के बाद कृषि मंत्रालय के सचिव की ओर से भेजी गई चिट्ठी को लेकर किसान प्रतिक्रिया देने के लिए कल यानी शनिवार को बैठक करेगे। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को 6 राज्यों के किसानों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने आंदजोलन कर रहे किसानों से प्रदर्शन को खत्म करने की अपील की…और विपक्ष पर जमकर हमला बोला…उन्होंने कहा कि, कुछ राजनीतिक दलों द्वारा किसानों को बरगलाने की कोशिश की जा रही है और आंदोलन को मुद्दे से भटकाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ किसानों के नेशनल मोर्चे की शुक्रवार को कोई बैठक नहीं हुई, केवल पंजाब के संगठन की बैठक हुई। नेशनल किसान संयुक्त मोर्चा कल यानी शनिवार को बैठक करेगा। हालांकि बैठक कब होगी इसका समय निर्धारित नहीं किया गया है। किसान संयुक्त मोर्चा में देशभर की 40 किसान यूनियनें शामिल हैं।

कृषि कानूनों की वापसी पर अड़े किसान

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने शुक्रवार को कहा कि सरकार जानबूझकर किसानों की तीन कानून और बिजली बिल वापसी की मांग को नहीं पढ़ रही और वो अन्य मुद्दों की मांग कर रही है। किसानों के जवाब में स्पष्ट लिखा था कि सवाल कानून वापसी का है, सुधार का नहीं है। 24 दिसंबर को सरकार के पत्र में 3 दिसंबर की वार्ता में चिन्हित मुद्दों का बार-बार हवाला है, जिन्हें सरकार कहती है, उसने हल कर दिया है और वह उन अन्य मुद्दों की मांग कर रही है, जिन पर किसान चर्चा करना चाहते हैं। सरकार ने जानबूझकर उनकी मांग को नजरंदाज किया। पिछले 7 महीने से चल रहे संघर्ष, जिसमें 2 लाख से अधिक किसान पिछले 30 दिन से अनिश्चित धरने पर बैठे हैं, लेकिन समस्या को हल करने को सरकार राजी नहीं है। सरकार के प्रस्ताव पर एआईकेएससीसी ने कहा कि सरकार का प्रस्ताव बंद दिमाग के साथ शर्तों के साथ है। किसानों को वार्ता से इंकार नहीं है। किसान जल्दी में नहीं, जब तक सरकार न सुने यहीं डटे रहेंगे।

पीएम के संवाद से निकलेगा समाधान ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुक्रवार को किसान सम्मान निधि योजना की नई किस्त जारी की गई जिसमें 9 करोड़ किसानों के खाते में 18 हजार करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसानों को बदनाम कर कुछ लोग अपनी राजनीति चमका रहे हैं। पहले की सरकारों की नीति के कारण वो किसान बर्बाद हुआ, जिसके पास कम जमीन थी। कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने आधुनिक खेती को लेकर बल दिया। हमारा फोकस किसानों के खर्च को कम करने पर किया गया। पीएम फसल बीमा योजना, किसान कार्ड, सम्मान निधि योजना की मदद से खेती को आसान किया गया है।  पीएम मोदी ने अपने संबोधन में विपक्ष पर जमकर हमला बोला और किसानों को नए कृषि कानून के मसले पर गुमराह करने का आरोप लगाया। पीएम मोदी ने आज अपने भाषण में कहा, मैं हैरान हूं और बेहद तकलीफ के साथ कहना चाहता हूं कि जो बंगाल पर सर्वोच्च शासन करते थे, वे ममता बनर्जी के 15 साल पुराने भाषण सुनें। आप जान जाएंगे कि किस तरह राजनीति ने सब कुछ बर्बाद कर दिया।

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