कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को आज एक महीना हो गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय से महज 30 किमी दूर सिंघु बॉर्डर पर किसान 30 दिन से आंदोलन कर रहे हैं। उन्हें सरकार से सुलह का इंतजार है। लेकिन बात नहीं बन पा रही है। किसान कृषि कानूनों को खत्म करने की मांग पर अड़े हुए हैं। तो सरकार कृषि कानूनों को किसानों के हित में बता रही है। अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौके पर आयोजित सुशासन दिवस पर प्रधानमंत्री ने पीएम किसान सम्मान निधि के 2 हजार रुपए 9 करोड़ किसानों के खातों में ट्रांसफर किए। तो वहीं पीएम ने 6 राज्यों के किसानों से बात की और कृषि कानूनों का महत्व समझाया।

6 राज्य…2 करोड़ किसानों से सीधा संवाद

अन्नदाता आंदोलन के एक महीने से जारी दौर के बीच अब बीजेपी के धुरंधरों ने खुद कमान संभाल ली है। बीजेपी ने देश के अलग-अलग हिस्सों में किसान चौपाल का आयोजन किया। इस मौके पर किसानों के मन को भांपने की कोशिश की गई। बीजेपी नेताओं ने किसानों के साथ बैठकर ही पीएम नरेंद्र मोदी के संदेश को सुना। दिल्ली में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण तो यूपी में खुद CM योगी और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और स्मृति ईरानी किसानों के बीच रहीं। दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह ने खुद कमान संभाली और किसानों को MSP के मुद्दे को लेकर भ्रम दूर करने की कोशिश की। शाह के निशाने पर कांग्रेस थी। दिल्ली की सीमाओं पर किसान पिछले एक महीने से कड़कड़ाती ठंड में बैठे हुए हैं ।सरकार की लाख कोशिश के बाद भी किसान मानने को तैयार नहीं है। तो बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व खुद कमान संभाल चुका है। दिल्ली के द्वारका में राजनाथ सिंह किसानों के बीच थे। कृषि कानूनों पर राजनाथ ने बीच की राह दिखाई। और कृषि कानूनों को 1-2 साल के लिए लागू करने का सुझाव दिया प्रदर्शनकारी किसानों में अधिकतर पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा से हैं। जो तीन कृषि कानूनों की वापसी की अपनी जिद पर अड़े है। कांग्रेस समेत विपक्षी दलों की तरफ से भी इन कानूनों को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला जा रहा है। इस बीच, केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस की तरफ से इन कानूनों के विरोध को लेकर राहुल गांधी से सवाल पूछा है।

फ्रंटफुट पर सरकार…विपक्ष पर चुन-चुनकर वार

केंद्रीय मंत्री और अमेठी से सांसद स्मृति ईरानी ने अपने संसदीय क्षेत्र से किसानों से बातचीत की। किसान चौपाल के दौरान केंद्रीय मंत्री ने राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया और नए कृषि कानूनों को सरकार के हित में बताया। पूर्व प्रधानमंत्री औऱ भरत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस पर मोदीनगर रोड स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित सुशासन दिवस और किसान गोष्ठी में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल शामिल हुए। उन्होंने कृषि बिलों को लेकर विपक्ष को आड़े हाथों लिया और नए कृषि कानूनों के फायदे गिनाएं।

अड़ी सरकार, डटे किसान….कैसे समाधान ?

केंद्रीय कृषि कानूनों का किसान लगातार विरोध कर रहे हैं। पंजाब और हरियाणा के किसानों ने दिल्ली से सटी सीमाओं की घेराबंदी की हुई है। किसानों की मांग है कि कृषि कानूनों को रद्द किया जाए तो वहीं सरकार ने साफ मना कर दिया है कि कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाएगा। सरकार ने किसानों को कानून में संशोधन का प्रस्ताव दिया है जिसे किसानों ने ठुकराया दिया है। किसानों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है लेकिन कोई हल नहीं निकला है। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी के नेता अन्य प्रदेशों के किसानों के साथ संवाद कर रहे हैं और किसानों से बातचीत के जरिए समाधान की कोशिश में जुटे हुए हैं। लेकिन इस संग्राम पर विराम कब लगेगा ये सवाल बढ़ते दिन के साथ और बड़ा होता जा रहा है।

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