नई दिल्ली: किसानों के ट्रैक्टर मार्च के दौरान दिल्ली में जगह-जगह से हिंसा की खबरें सामने आ रही है. कई जगहों पर दिल्ली पुलिस और किसानों के बीच झड़प हुई है. इस दौरान कई पुलिसकर्मी चोटिल हुए हैं, जबकी कई किसानों को भी चोटें आई है. मिली जानकारी के अनुसार कई जगहों पर किसानों ने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ दी है तो कई जगहों पर सार्वजनिक संपत्ती को भी नुकसान पहुंचाया गया है। हालांकि किसानों उग्र हुए प्रर्दशन से युक्त किसान मोर्चा ने कहा दिल्ली में घुसे किसान उनके संगठन के नहीं है, भारतीय किसान यूनियन (उग्रहन) और किसान मजदूर संघर्ष समिति हमारे मोर्चा का हिस्सा नहीं है, वे अपने फैसले स्वतंत्र तरीके से लेते हैं.

योगेंद्र यादव ने की हिंसा की निंदा:
स्वराज इंडिया के संयोजक व किसान नेता योगेंद्र यादव ने भी किसानों के प्रर्दशन के दौरान हुई हिंसक झड़प की निंदा की है. उन्होने साफ-साफ कहा है कि इस तरह से प्रर्दशन के दौरान हिंसा फैलाना कतई जायज नहीं है, वो इस तरह की किसी भी हिंसा को समर्थन नहीं करते हैं।

किसान मजदूर संघर्ष समिति ने किया हिंसा:
सूत्रों के अनुसार जो जानकारी सामने आ रही है, उसके मुताबिक जो किसान आईटीओ पर पहुंचकर हंगामा कर रहे थे, वो दरसल किसान मजदूर संघर्ष समिति से जुड़े हुए किसान थे। आईटीओ पर हंगामा करने वाले किसानों की मांग थी कि वो लाल किले तक जाना चागते हैं लेकिन पुलिस ने उनको रास्ते में रोक दिया। किसानों के जत्थे को काबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े।

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