बंगाल विधानसभा चुनाव होने में अभी 6 महीने बाकी हैं। ऐसे में बंगाल में जिस तरह की राजनीति देखी जा रही है। उसने सबका ध्यान अपनी तरफ खींच लिया है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने जिस तरह से बंगाल का घेराव कर दिया है। उससे ममता सरकार के सामने अपने किले को बचाने के लिये बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। भाजपा के प्रंचड चुनाव प्रचार की वजह से ममता के अपने ही उनके खिलाफ खड़े हो गये हैं और भाजपा में शामिल हो रहे हैं। इस बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता और देश के गृह मंत्री अमित शाह बंगाल के दो दिवसीय दौपर पर थे। इस दौरान उन्होंने टीएमसी के विधायक सहित कई नेताओं को भाजपा में सदस्या दिलाई। टीएमसी के विधायक शुभेंदु अधिकारी भाजपा में शामिल हो चुके हैं। लेकिन उनके इस्तीफे को बंगाल विधानसा स्पीकर ने स्वीकर नहीं किया है। जिसकी वजह आज शुभेंदु अधिकारी स्पीकर से आज मुलाकात करेंगे।

शुभेदु अधिकारी का क्यों नहीं हुआ इस्तीफा मंजूर?
आपको बता दें, टीएमसी विधायक शुभेंदु अधिकारी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है क्योंकि यह संविधान के प्रावधानों और सदन के नियमों के अनुरूप नहीं है। जिसकी वजह से शुभेंदु अधिकारी का इस्तीफा स्वीकर नहीं किया गया है।विधानसभा स्पीकर बिमान बनर्जी का कहना है कि, जब तक मैं इस बात से संतुष्ट नहीं हो जाता कि इस्तीफा स्वैच्छिक और वास्तविक है, मेरे लिए भारत के संविधान के प्रावधानों और पश्चिम बंगाल विधानसभा में कामकाज के नियमों के आलोक में इसे स्वीकार करना संभव नहीं है। आपको बता दें, शुभेंदु अधिकारी ने 16 दिसंबंर को टीएमसी से इस्तीफा दे दिया था और 20 दिसंबर को वो भाजपा में शामिल हो गये।इस्तीफा मंजूर न होने की स्थिति में आज एक बार फिर से शुभेंदु अधिकारी विधानसभा स्पीकर से नीजि तौर पर मिलते हुए एक बार फिर से इस्तीफा देंगे।

Share.

आरोही डीएनपी इंडिया में मनी, देश, राजनीति , सहित कई कैटेगिरी पर लिखती हैं। लेकिन कुछ समय से आरोही अपनी विशेष रूचि के चलते ओटो और टेक जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही हैं, इन्होंने अपनी पत्रकारिका की पढ़ाई पीटीयू यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है और लंबे समय से अलग-अलग विषयों की महत्वपूर्ण खबरें लोगों तक पहुंचा रही हैं।

Exit mobile version