Lafarge Controversy: फ्रांसीसी सीमेंट कंपनी लाफार्ज ने इस्लामिक स्टेट और अल नुसरा फ्रंट को 1.7 करोड डॉलर की रिश्वत दी थी। कंपनी ने अमेरिकी कोर्ट में अपने आरोपों को स्वीकार भी किया है। कंपनी के अध्यक्ष का कहना है कि वह पैसे पुराने अधिकारियों ने दिए थे, जिन्हें नौकरी से निकाला जा चुका है। अदालत ने कहा कि लाफार्ज अमेरिका में प्रतिबंधित आतंकवादी समूह को धन देने के लिए दोषी पाए गए हैं। कंपनी ने इस्लामिक स्टेट को यह धनराशि इसलिए दी ताकि सीरिया में एक संयंत्र को चालू किया जा सकें। अमेरिकी न्याय विभाग ने इसे अपनी तरह का मामला बताया है।
आरोपों की जांच
अभियोजकों ने इल्जाम लगाया है कि सीमेंट कंपनी ने आतंकी समूह की गतिविधियों पर पूरी तरह से भरोसा किया और उसे साल 2013 और 2014 में रिश्वत दी थी। इस्लामिक स्टेट का सीरिया के बड़े हिस्से पर कब्जा था और उसे कुछ मेंबर पश्चिमी देशों में अपह्रत किए गए नागरिकों को प्रताड़ित करने या उनका सिर कर्म करने में शामिल थे। न्यूयॉर्क शहर की एक संघीय अदालत ने इस आरोप पर कहा कि इन की जांच की जाएगी। हालांकि अमेरिकी अभियोजकों का कहना है कि सीमेंट कंपनी ने साल 2014 में सीमेंट संयंत्र को खाली कर दिया था।
13 मिलियन यूरो का भुगतान
साल 2014 में इस्लामिक स्टेट में बाकी बचे सीमेंट पर कब्जा किया और 3.21 डॉलर मिलियन के बराबर में बेचा था। सीमेंट कंपनी का कहना है कि उसने साल 2013 और 2014 में अपनी सीरियल सीमेंट कारखानों को चालू करने के लिए बिचौलियों को लगभग 13 मिलियन यूरो का भुगतान किया, जब तक अन्य फर्मों ने उसे देश से बाहर निकाल दिया था। इससे पहले साल 2011 में सीरिया में संघर्ष शुरू होने के बावजूद अपने कारखानों को चालू करने के लिए मानवता के खिलाफ अपराधों में मिलीभगत के आरोप का सामना किया।
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कंपनी ने इन आरोपों से इनकार किया था कि यह मानवता के खिलाफ अपराधों में शामिल था। उन्होंने बताया कि इस आचरण की जिम्मेदार व्यक्तियों को 2017 में कंपनी से अलग कर दिया गया।
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