मध्य प्रदेश के रीवा में रहने वाले धर्मजय की जान बचाने के लिए विदेशो के हॉस्पिटल में भी उनका इलाज कराया गया लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी। धर्मजय 8 महीने पहले कोरोना संक्रमित हुए थे। वह एक किसान थे। उनके इलाज में आठ करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए, लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी।
धर्मजय ने मध्य प्रदेश के विंध्य इलाके में गुलाब और स्ट्रॉबेरी की खेती करते थे जिससे उनकी पहचान थी।

रीवा के किसान धर्मजय सिंह को आठ महीने पहले संक्रमण होने के कारण उनको अप्रैल में रीवा के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन फेफड़े में संक्रमण ज्यादा होने के कारण उनको चेन्नई अस्पताल में रेफेर किया गया। उनका इलाज कराने के लिए परिवार वालो की 50 एकड़ जमीन बिक गई। बीते साल 2021 में 26 जनवरी पर सूबे के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एसएफ ग्राउंड में धर्मजय को सम्मानित भी किया था।

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रीवा के रकरी गांव में रहने वाले धर्मजय के इलाज में देश के कई नामी डॉक्टरों के अलावा लंदन के डॉक्टर ने भी उनका इलाज किया। लेकिन उनकी हालत ज्यादा ख़राब होने के कारण उनको नहीं बचाया जा सका। इलाज के चलते भी मंगलवार को धर्मजय ने दम तोड़ दिया। धर्मजय के बड़े भाई प्रदीप सिंह ने जानकारी दी कि धर्मजय के इलाज में करीब 8 करोड़ रुपये खर्च हो गए और इसके लिए उन्होंने अपनी करीब 50 एकड़ जमीन भी बेच डाली। धर्मजय के इलाज के लिए सरकार की ओर से चार लाख रुपये की मदद भी मिली लेकिन उनके इलाज का हर दिन का खर्च एक से तीन लाख का था।

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