मध्य प्रदेश में सरकार ने उत्तरप्रदेश की योगी सरकार की तर्ज पर निजी और सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा के लिए ‘लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान निवारक व नुकसान की वसूली अधिनियम-2021’ तैयार कर लिया है। जिसके तहत किसी ने भी सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया तो फिर वसूली उसी से की जाएगी।

शिवराज कैबिनेट ने आज सरकारी और निजी संपत्ति के नुकसान की वसूली संबंधी विधेयक को मंजूरी दे दी है। इस विधेयक को अब 20 दिसम्बर से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। विधेयक के विधानसभा में पास हो जाने के बाद उस पर अमल शुरू हो जाएगा।

ट्रिब्यूनल में जिला स्तर पर क्लेम कमिश्नर होगा, जिसका काम एडिशनल व डिप्टी कलेक्टर को सौंपा जाएगा। सरकारी संपत्ति के नुकसान की शिकायत कार्यालयीन अफसर और निजी संपत्ति की शिकायत मालिक करेगा। इसके आधार पर घटना में दोषियों के खिलाफ ट्रिब्यूनल कार्रवाई करेगा। उनसे वसूली कर सरकारी कोष या निजी व्यक्ति के खातों में राशि जमा कराएगी। इसकी अपील केवल हाईकोर्ट में ही होने का प्रावधान किया गया है। ट्रिब्यूनल को भू-राजस्व संहिता के अधिकार होंगे और उसके तहत ही वे अपना काम करेंगे।

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विधेयक में प्रावधान है कि क्लेम्स ट्रिब्यूनल को हर्जाने या मुआवजे का निर्धारण तीन महीने के अंदर करना होगा। क्लेम्स ट्रिब्यूनल को कोड ऑफ सिविल प्रोसीजर 1908 के तहत सिविल कोर्ट के अधिकार और शक्तियां प्रदान की जाएंगी। क्लेम्स ट्रिब्यूनल के आदेश को 90 दिन के भीतर सिर्फ हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकी। 

15 दिन तक नुकसान की तय राशि जमा न करने पर जिला कलेक्टर को वसूली के लिए आरोपी की चल-अचल संपत्ति की कुर्की और नीलामी का अधिकार होगा। इसके बाद नुकसान का भुगतान किया जाएगा।

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अंजलि शर्मा पिछले 2 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हैं। अंजलि ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई की है। फिलहाल अंजलि DNP India Hindi वेबसाइट में कंटेंट राइटर के तौर पर काम कर रही हैं।

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