Maharashtra: चुनाव आयोग ने सोमवार को उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट को नई पार्टी का नाम दिया। चुनाव आयोग ने उद्धव गुट के नए नाम के साथ साथ चुनाव चिन्ह का भी सुझाव दिया है। वहीं शिंदे गुट को चुनाव चिन्ह के 3 नए नाम देने के लिए कहा गया। इस तरह उद्धव गुट की पार्टी का नाम शिवसेना ‘उद्धव बालसाहेब ठाकरे’ और शिंदे गुट को ‘बालासाहेबांची शिवसेना’ का नाम दिया गया है। इसी बीच अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके खेमे के सांसद विधायक लगातार आरोप लगा रहे हैं कि उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व की विचारधारा को छोड़ दिया है।

सीपीआई से मिलाया हाथ

महाराष्ट्र की राजनीति में ऐसी खबर सामने आ रही है कि उद्धव ठाकरे ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से हाथ मिला है, जो लगातार हिंदुत्व की विचारधारा का विरोध करती है। अभी हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर हिंदुत्व की विचारधारा से समझौता करने का आरोप लगाया था। उद्धव के इस फैसले के बाद शिंदे पर एक बार फिर हमला करने का मौका मिला है। बता दें कि शिवसेना और सीपीआई कभी मुंबई में एक-दूसरे के कट्टर प्रतिद्वंदी हुआ करते थे।

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सीपीआई नेताओं से की मुलाकात

1970 में सीपीआई विधायक कृष्ण देसाई की हत्या ने ना केवल शिवसेना के विधानसभा में प्रवेश मार्ग को प्रशस्त किया बल्कि इसके परिणाम स्वरूप मध्य मुंबई में भगवा पार्टी की प्रभुता भी बढ़ गई। शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रकाश रेड्डी, मिलिंद रानाडे सहित अन्य नेताओं ने उनके आवास मातोश्री पर मुलाकात की इस दौरान उन्होंने अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में ठाकरे की पार्टी को अपना समर्थन देने का वादा किया है।

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