Maharashtra politics: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की सरकार के बीच अब एक नया संकट खड़ा हो गया है। एकनाथ शिंदे ने पिछली महा विकास आघाडी सरकार के कई फैसले को पलट दिया। जिसके बाद अब राजनीति में उथल-पुथल और सरगर्मी आई है। सरकार के इस फैसले में आरे मेट्रो कार शेड को स्थानांतरित करना और सीबीआई को सामान्य सहमति बहाल करने जैसे प्रमुख निर्णय शामिल है। महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जुलाई के महीने में मेट्रो कार शेड को आरे कॉलोनी में शिफ्ट करने का निर्देश दिया था।

सीबीआई कर सकेगी जांच

बता दे कि पहले उद्धव ठाकरे सरकार ने इन सभी जगहों को कांजूर मार्ग में बदल दिया था। इसके अलावा परियोजनाओं का विरोध करने वाले पर लगे आरोप भी वापस लिए गए। फैसले पलटने के बाद अब सीबीआई बिना अनुमति के राज्य के मामलों में जांच कर सकेगी। बता दें कि महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने पिछले महा विकास आघाडी सरकार के फैसले को पलट दिया। जिसके बाद ठाकरे नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने एजेंसी को दी हुई सामान्य सहमति वापस ली थी।

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विधेयक को वापस लाने का निर्णय

महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को विधेयक को वापस लेने का फैसला किया। जिसमें विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति में राज्यपाल की शक्तियों को कम कर दिया गया था। इसके अलावा राज्य कैबिनेट की बैठक में महाराष्ट्र सार्वजनिक विश्वविद्यालय अधिनियम, 2016 में संशोधन करने वाले विधेयक को वापस लाने का निर्णय लिया गया। विधेयक को इस आधार पर मंजूरी नहीं दी गई कि यह विश्वविद्यालय यूजीसी के प्रावधानों के खिलाफ है। इसके अलावा शिंदे सरकार ने उन किसानों के मतदान के अधिकार को बहाल करने का फैसला किया है जिनके पास हजार वर्ग मीटर की जमीन है।

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कांग्रेस का गढ़ तोड़ने का प्रयास

ऐसे किसान जिन्होंने पिछले 5 सालों में कम से कम 3 बार एपीएमसी बाजार में अपनी उपज बेची और मतदाता बनना है। सरकार द्वारा सहकारी क्षेत्र और स्थानीय निकायों में कांग्रेस के गढ़ को तोड़ने के प्रयास के रूप में देखा गया। पिछली शिवसेना ने नेतृत्व वाली एनडीए सरकार द्वारा अधिनियम में संशोधन किया था इस संशोधन का उद्देश्य राज्यपाल की शक्तियों पर अंकुश लगाना था लेकिन अब तत्कालीन ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के आधार पर इस विधेयक को मंजूरी नहीं दी गई।

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