बीरभूम हिंसा की जांच सीबीआई के हाथ में चली गई है। मामले में सीबीआई ने 22 लोगों को आरोपी बनाया है एजेंसी ने टीएमसी के ब्लॉक अध्यक्ष अनारउल हुसैन से पूछताछ की है वहीं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर से बीरपुर हिंसा के पीछे किसी साजिश करने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि मुझे अभी भी लगता है कि यह हिंसा किसी की साजिश है। जो भी हुआ उसमें टीएमसी की कोई भी भूमिका नहीं है। सीबीआई मामले की जांच कर रही है अच्छी बात है। पूरी मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए,लेकिन अगर एजेंसी मामले में सिर्फ भाजपा के निर्देशों का पालन करेगी तो हम विरोध करने के लिए तैयार हैं।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि ऐसी कई घटनाएं उत्तर प्रदेश दिल्ली कर्नाटका त्रिपुरा और असल में हो चुकी है। लेकिन वहां सरकार ने टीएमसी कार्यकर्ताओं को घटनास्थल तक पहुंचने रहने दिया। जबकि हमने वीर में हिंसा के बाद किसी भी पार्टी को पीड़ित परिवार से मिलने से नहीं रोका

ममता बनर्जी का कहना है कि बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की पार्टी के एक अन्य कार्यकर्ता ने हत्या कर दी, लेकिन हर जगह से टीएमसी की आलोचना हो रही है। हमें इन सब पर ध्यान ना देते हुए मामले की जांच के लिए कई जरूरी कदम भी उठाए हैं।

बता दें कि बीरबल हिंसा के 72 घंटे बाद सीएम ममता बनर्जी पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए घटनास्थल पर पहुंची। उन्होंने कहा कि पुलिस की तैनाती में इजाफा कर दिया है गांव में महिलाएं भी है। कुछ लोग उन पर हमला करने के लिए बाहरी लोगों को लेकर आ सकते हैं।

बता दें इस हिंसा के पीछे जो एक नाम बार-बार सामने आ रहा है अनार उल हुसैन का नाम है। अनारुल हुसैन टीएमसी का स्थानीय नेता हैं। स्थानीय राजनीति में कदम रखने से पहले मोहित राज मिस्त्री के रूप में काम करता था अनारूल को 24 मार्च को बीरभूम में भीषण हत्या आगजनी, घातक हथियारों से दंगा, आपराधिक साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सीएम ममता बनर्जी ने विदेश दौरे के बाद पुलिस को अनारूल की गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे।

बता दें कि मामले की जांच कर रही सीबीआई ने एफआइआर में एक चीज लोगों के नाम दर्ज किए हैं केंद्रीय जांच एजेंसी ने रिपोर्ट में कहा 70 से 80 लोगों की भीड़ ने पीड़ितों के घर में तोड़फोड़ की। भीड़ ने 8 लोगों को घरों में बंद कर आग लगाकर जला दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीबीआई ने मामले में जिन लोगों को आरोपी बनाया है उनमें से ज्यादातर लोग टीएमसी के कार्यकर्ता है। इससे पहले शुक्रवार को कोलकाता हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।एजेंसी से कहा गया था कि वह 7 अप्रैल तक अपनी रिपोर्ट सौंपे।

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