Mohammad Zubair: 15 जुलाई को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने और न्यूज़ के सह संस्थापक मोहम्मद जुबेर को जमानत दे दी। मोहम्मद जुबेर के खिलाफ 2018 में किए गए ट्वीट में धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया गया है। उन पर नफरत फैलाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया। इसी मामले में उन्हें दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 50 हजार रुपए के बेल बॉन्ड पर जमानत दी है।

राजनीतिक दलों की आलोचना जरूरी

जमानत के साथ अदालत ने आदेश दिया है कि वह न्यायालय के आदेश के बिना देश नहीं छोड़ सकते। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेंद्र कुमार जांगड़ा ने सुनवाई के दौरान कहा कि भारतीय लोकतंत्र और राजनीतिक दलों की आलोचना जरूरी है। जिसका अर्थ है कि किसी व्यक्ति द्वारा किसी पार्टी की आलोचना करने पर दंडित नहीं किया जा सकता।

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सहिष्णु धर्म में से एक हिंदू धर्म

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि स्वतंत्र लोकतंत्र के लिए असंतोष की आवाज़ जरूरी हैं। इसलिए निसंदेह रूप से एक लोकतांत्रिक समाज की ठोस नीति के लिए स्वतंत्र आवाज़ जरूरी हैं। न्यायाधीश का कहना है कि हिंदू धर्म सबसे पुराने और सबसे सहिष्णु धर्म में से एक हैं। हिंदू धर्म के अनुयाई भी सहिष्णु है। बता दें कि मोहम्मद जुबैर को शुक्रवार को दिल्ली की अदालत से जमानत मिल गई है लेकिन जुबैर अभी भी जेल से रिहा नहीं हो पाएंगे।

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अन्य मुकदमे दर्ज

मोहम्मद जुबैर के खिलाफ अन्य मुकदमे भी दर्ज हैं और कुल सात एफआईआर हो चुकी हैं। जिनमें छह यूपी और एक मुकदमा दिल्ली में दर्ज हैं। जब तक सभी मामलों की एक साथ सुनवाई नहीं होगी और जमानत नहीं मिलती तब तक मोहम्मद जुबेर का जेल से बाहर आना मुश्किल है।

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अंजलि शर्मा पिछले 2 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हैं। अंजलि ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई की है। फिलहाल अंजलि DNP India Hindi वेबसाइट में कंटेंट राइटर के तौर पर काम कर रही हैं।

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