यूपी के बुंदेलखंड इलाके में इस साल भूसे की भारी कमी के कारण उसकी कीमत दोगुनी से भी अधिक हो गई है। कीमतों में भारी वृद्धि होने के कारण पशुपालकों में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। पशुपालकों को कीमत बढ़ी हुई कीमत में भी भूसा ढूंढे नहीं मिल पा रहे। हमीरपुर जिले के किसान नेता संतोष सिंह का कहना है कि इस साल किसानों ने मटर और लाही की ज्यादा फसल उगाई है जिस कारण से गेहूं का भूसा नहीं हो पाया।

पशुपालकों के लिए बनी समस्या

दूसरी तरफ किसान नत्थू सिंह का कहना है कि गेहूं कम होने के कारण किसानों ने गेहूं की फसल को हार्वेस्टर से कटवा दिया था जिस कारण भूसा नहीं बन सका। पशुपालक अपने कीमती दुधारू पशुओं को बेचने का विचार कर रहे हैं भूसे की किल्लत के चलते दूध की कीमतों में भी भारी वृद्धि देखने को मिली है जिससे आम लोगों की जेब पर भारी झटका लगा है। जहां 1 लीटर दूध की कीमत 60 रुपए लीटर थी। वहीं अब पशु पालकों को 1 लीटर दूध 70 और 80 रुपए लीटर के भाव में बेचना पड़ रहा है।

भूसे की कीमत 1000 रुपए से 1500 रुपए

बीते साल इसी समय में भूसा 400 से 500 रुपए क्विंटल आसानी से मिल जाता था। वहीं इस साल इस भूसे की कीमत 1000 रुपए से 1500 रुपए हो गई है। इस कारण भूसा अचानक से 2 गुना महंगा होने से पशुपालक बेहद परेशान है। किसानों का कहना है कि पिछले साल जब किसानों ने मटर की खेती की थी तो मटर की अच्छी कीमत मिली थी। बीते साल मटर 10,000 रुपए कुंतल की कीमत पर बिकी थी। इसी बढ़ी हुई कीमत को देखते हुए इस साल किसानों ने गेहूं की जगह मटर की खेती की।

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सातों जिलों में भूसे की समस्या

अब मटर को बड़ी तादाद में बोने से किसानों को भूसे की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। किसानों की यह गलती अब पशुपालकों को भोगनी पड़ रही है। भूसे की कमी और महंगी कीमतों के चलते सिर्फ हमीरपुर जिला ही नहीं बल्कि पूरे बुंदेलखंड के सभी सातों जिलों महोबा, बांदा, चित्रकूट, जालौन, झांसी और ललितपुर में भी उसे की समस्या देखने को मिली है।

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