मोहाली कोर्ट की ऑर्डर की कॉपी सामने आ गई है। जिससे लगता है कि आखिर तक मुख्तार अंसारी ने बीमारी का बहाना बनाकर पंजाब से यूपी नहीं भेजे जाने की कोशिश की, मगर उसकी हर चाल नाकाम हुई। खुद को बीमार साबित करने के लिए मुख्तार व्हील चेयर पर अदालत पहुंचा मगर जज ने उसी कोई राहत नहीं दी और कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक उसे 26 मार्च के बाद दो हफ्ते के भीतर यूपी की जेल में ट्रांसफर किया जाना है। 12 अप्रैल की मोहाली कोर्ट में उसकी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। उत्तर प्रदेश के विधायक और गैंगस्टर मुख्तार अंसारी मोहाली के नामी बिल्डर से फिरौती मांगने के मामले में पंजाब की रोपड़ जेल में 2 साल से बंद है। हर बार अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर अंसारी यूपी जाने से बचता आया है। लेकिन इस बार उसका ये पैंतरा काम नहीं आया। मोहाली अदालत ने खराब सेहत के उसके दावों को दरकिनार कर दिया। मोहाली अदालत ने बिल्डर को रंगदारी के लिए धमकाने के आरोपी मुख्तार अंसारी की यूपी जेल से 12 अप्रैल को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी सुनिश्चित करने के लिए कहा है। बुधवार को अंसारी के वकीलों ने एक बार फिर उसकी खराब सेहत का हवाला देते हुए मेडिकल बोर्ड गठित करने की मांग की जिसे अदालत ने नहीं माना।

बीमारी के बहाने से बचते रहा अंसारी

अंसारी के वकीलों ने अदालत में कहा कि उसे दो बार दिल का दौरा पड़ चुका है और उसकी सेहत ठीक नहीं है। पिछले साल 29 मार्च को उसकी सेहत खराब होने के बाद से उसके सीने में दर्द है। वकीलों ने कहा कि सही स्वास्थ्य सहायता न मिलने पर अंसारी की मौत भी हो सकती है। अंसारी के वकील की दलील सुनने के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित बख्शी की अदालत ने आदेश पारित करते हुए कहा कि मुख्तार अंसारी को लेकर कोई ताजा चिकित्सा मुद्दा सामने नहीं आया है। लिहाजा उपचार के लिए अलग से बोर्ड गठित करने की कोई आवश्यकता नहीं है। अदालत ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर आरोपी को यूपी पुलिस को सौंपा जाना है। आरोपी चूंकि यहां न्यायिक हिरासत में है, लिहाजा यूपी स्थानांतरित करते समय इस बात का ध्यान रखा जाए कि उसे 12 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए अदालत के समक्ष पेश किया जाए।

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