मोदी सरकार लगातार गरीब, बेघर और मजबूर लोगों के लिए सरकारी योजनाओं के जरिए मदद कर रही है। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत बने 1.75 लाख घरों का उद्घाटन किया और लोगों को उनके नए घर में गृह प्रवेश के लिए शुभकामनाएं दी। इस योजना के तहत घर पाने वाले तीन लोगों से मोदी ने बात भी की और उन्हें नए घर के बारे में जानकारी भी ली। इनमें धार जिले के सरदारपुर गांव के गुलाब सिंह, सिंगरौली जिले के प्यारेलाल यादव और ग्वालियर जिले के नरेंद्र नामदेव शामिल हैं। इस दौरान उन्होंने कोरोना वायरस को लेकर भी लोगों को सतर्क रहने का संदेश दिया। उन्होंने मंत्र देते हुए कहा कि, जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं। मध्य प्रदेश में अबतक इस योजना के तहत 20 लाख आवासों में से 17 लाख मकान बनाए जा चुके हैं।

45 से 60 दिन में घर बनकर तैयार

उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक घर बनाने में औसतन 125 दिन लगते हैं, लेकिन कोरोना के समय में इस योजना के तहत घरों को सिर्फ 45 से 60 दिन में ही बनाकर तैयार कर दिया गया। आपदा को अवसर में बदलने का ये सबसे अच्छा उदाहरण है। कोरोना काल में तमाम रुकावटों के बीच देशभर में 18 लाख घरों का काम पूरा किया गया। प्रधानमंत्री ने घर पाने वाले लोगों से कहा, इस बार आप सभी की दीवाली और दूसरे त्योहारों की खुशियां कुछ और ही होंगी। कोरोनाकाल नहीं होता तो आज आपके जीवन की इतनी बड़ी खुशी में शामिल होने के लिए आपके घर का एक सदस्य, आपका प्रधान सेवक आपके बीच होता। आज का कार्यक्रम मध्य प्रदेश समेत देश के सभी बेघर साथियों को एक विश्वास देने वाला पल है। जिनका अब तक घर नहीं, एक दिन उनका भी घर बनेगा, उनका भी सपना पूरा होगा।

नई योजना…नई सोच

प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत बने 1.75 लाख घरों का उद्घाटन करते हुए पीएम ने कहा कि, 2014 में पुराने अनुभवों का अध्ययन करके, पहले पुरानी योजना में सुधार किया गया और फिर प्रधानमंत्री आवास योजना के रूप में बिल्कुल नई सोच के साथ योजना लागू की गई। इसमें लाभार्थी के चयन से लेकर गृह प्रवेश तक पारदर्शिता को प्राथमिकता दी गई। उन्होंने आगे कहा कि, पहले गरीब सरकार के पीछे दौड़ता था, अब सरकार लोगों के पास जा रही है। अब किसी की इच्छा के अनुसार लिस्ट में नाम जोड़ा या घटाया नहीं जा सकता। चयन से लेकर निर्माण तक वैज्ञानिक और पारदर्शी तरीका अपनाया जा रहा है।

लाभार्थियों से PM की बात

पीएम मोदी ने बड़े ही मजाकिया और दोस्ताना तरीके से लाभार्थियों से बातचीत की। मध्य प्रदेश के एक गांव के रहने वाले नरेंद्र ने पीएम मोदी से बातचीत करते हुए कहा कि, सरकार की मदद से मुझे पक्का मकान मिल गया है। उन्होंने बताया कि कच्चे मकान के कारण सांप के काटने से बच्ची की मौत हो गई। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हमारी इस योजना का लक्ष्य हमारी बहनों का सशक्तिकरण करना भी है। हितधारकों से बातचीत के दौरान एक लाभार्थी गुलाब सिंह ने बताया कि, उन्हें पीएम आवास योजना के तहत एक लाख 20 हजार रुपये की मदद मिली थी और साथ ही 16 हजार रुपये दिहाड़ी के मिले और बाकी भाईयों ने मदद की सरकार की इस पहल से हमें पक्का मकान मिल गया है।

2022 तक 20 मिलियन घरों का लक्ष्य

भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना की स्कीम महंगे रियल स्टेट सेक्टर की अपेक्षा सस्ते घरों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरु की गई थी। इस स्कीम का लक्ष्य 31 मार्च 2022 तक देश भर में 20 मिलियन घरों का निर्माण करके सब के लिए घर के अपने उद्देश्य को प्राप्त करना है। क्षेत्रों की आवश्यकताओं के आधार पर, इस योजना को शहरी और ग्रामीण दो भागों में बांटा गया है । इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 2022 तक ज्यादा से ज्यादा परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। इस योजना के तहत सरकार बिजली की आपूर्ति और स्वच्छता जैसी सभी बुनियादी सुविधाओं की विशेषता वाले पक्के घरों के निर्माण के लिए पैसे की सहायता प्रदान करती है।

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