Delhi Liquor in Noida News: दिल्ली में शराब पर मिलने वाली छूट की वजह से नोएडा में शराब की बिक्री पर असर पड़ा है। गौतमबुद्धनगर में शराब बिक्री में आई भारी गिरावट ने अधिकारियों को भी परेशान कर दिया है।

दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति (Delhi Liquor Policy) ने गौतमबुद्धनगर के आबकारी विभाग की मुश्किलें काफ़ी ज़्यादा बढ़ा दी है। शराब के शौकीन नोएडा-गाजियाबाद में महंगी शराब लेने के बजाय दिल्ली जाकर शराब का सेवन कर रहे हैं। गौतमबुद्धनगर आबकारी विभाग के अधिकारियों ने खुलासा किया है कि बीते कुछ महीनों में पूरे जिले में शराब की बिक्री से होने वाले राजस्व संग्रह में भारी गिरावट आई है। इसका एक मात्र कारण पड़ोसी राज्य दिल्ली में शराब पर मिलने वाली भारी छूट है। आबकारी विभाग पिछले वर्षों की तुलना में आबकारी राजस्व में आ रही कमी के कारण चिंतित है। वहीं, इस प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए नई रणनीति तैयार की जा रही है।

दिल्ली के ऑफर के कारण नोएडा और गाजियाबाद में होने वाली शराब की तस्करी मामलों को लेकर पिछले दिनों यूपी और दिल्ली के आबकारी विभाग के अधिकारियों की बैठक भी हुई थी। इसमें दिल्ली में एक व्यक्ति को 8 लीटर से अधिक शराब न देने और तस्करी पर रोक के लिए छापेमारी के फैसले लिए गए। लेकिन, दिल्ली और यूपी की सीमा में आसानी से शराब को लाने-जाने का कार्य लगातार जारी है। पिछले दिनों एक रेस्टोरेंट में छापे के क्रम में बड़ी मात्रा में दिल्ली की बीयर बरामद की गई। इस पूरी स्थिति ने सरकार से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों की परेशानी को बढ़ाया हुआ है।

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लक्ष्य को पूरा कराना हो रहा है मुश्किल
गौतमबुद्धनगर के जिला आबकारी अधिकारी राकेश बहादुर सिंह ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में राजस्व संग्रह के मामले में जिला पूरे राज्य में सातवें स्थान पर रहा। अब हम निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं। हम उन कुछ जिलों में से हैं, जहां महंगी विदेशी शराब की बिक्री काफी हुआ करती थी। अब स्थिति बदल गई है। हम इस महीने के लिए अपने लक्ष्य का लगभग 62 फीसदी ही पूरा कर पाए हैं, केवल चार दिन शेष हैं। हम आमतौर पर हमेशा अपने लक्ष्य को पार करते हैं।

जिले आबकारी विभाग की ओर से जनवरी में आबकारी टैक्स से 143 करोड़ रुपये, फरवरी में 155 करोड़ रुपये और मार्च में 130 करोड़ रुपये कमाए। अप्रैल में राजस्व 116 करोड़ रुपये और 25 मई तक 85 करोड़ रुपये तक गिर गया। राज्य द्वारा मई महीने के लिए जिले को 137 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया था, जिसमें से अब तक केवल 62 फीसदी ही हासिल किया जा सका है।

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